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पीयूष गोयल ने वैश्विक स्टार्टअप इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए नेटवर्क बनाने का आह्वान किया

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नई दिल्ली, 28 जनवरी (आईएएनएस)। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को वैश्विक स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए परामर्शदाताओं, निवेशकों और उद्यमियों के अंतर्राष्ट्रीय नेटवर्क निर्माण का आह्वान किया।

मंत्री ने कहा कि इस नेटवर्क को स्टार्टअप्स को समर्थन और प्रेरित करना चाहिए, विचारों के आदान-प्रदान, सर्वोत्तम प्रथाओं और वित्त पोषण तंत्र की सुविधा के लिए एक टीम के रूप में कार्य करना चाहिए और अनुसंधान और विकास में सहयोग को बढ़ावा देना चाहिए।

केंद्रीय मंत्री हैदराबाद में जी20 के स्टार्टअप 20 एंगेजमेंट ग्रुप की इंसेप्शन मीटिंग के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि नवोन्मेष का समर्थन करना केवल अलग-अलग राष्ट्रों की भूमिका नहीं है और यह भी कहा कि दुनिया के सभी हिस्सों में स्टार्टअप इकोसिस्टम को विकसित करने के वैश्विक प्रयास को पोषित करने के लिए विश्व राष्ट्रों की सामूहिक जिम्मेदारी होनी चाहिए, इस प्रकार वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने के लिए समावेशी, सहायक और टिकाऊ वैश्विक स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना।

गोयल ने कहा कि जी20 के मेजबान देश के रूप में वैश्विक स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र की प्रगति और क्षमता को उजागर करने पर भारत को गर्व है। उन्होंने कहा कि नवाचार पर भारत के विशेष ध्यान के हिस्से के रूप में पहली बार भारत की जी20 अध्यक्षता के तहत स्टार्टअप20 समूह की स्थापना की गई थी। मंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि नवाचार सबसे मजबूत स्तंभ होगा जो अमृतकाल में एक विकसित भारत के निर्माण में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि नवाचार अर्थव्यवस्था और सामाजिक और सार्वजनिक भलाई के लिए एक उत्प्रेरक शक्ति रहा है। उन्होंने कहा, आज की दुनिया में नवाचार केवल आर्थिक उद्देश्यों को प्राप्त करने से परे है क्योंकि यह सामाजिक समावेश और पर्यावरणीय स्थिरता पर भी विचार करता है।

गोयल ने कहा कि दुनिया जलवायु परिवर्तन से लेकर गरीबी और असमानता जैसी कई वैश्विक चुनौतियों का सामना कर रही है। उन्होंने अपना ²ढ़ विश्वास व्यक्त किया कि नवाचार इन समस्याओं को हल करने का मार्ग प्रशस्त कर सकता है। मंत्री ने कहा कि भारतीय स्टार्टअप संदर्भ में हमारे उद्यमी इन चुनौतियों से सीधे निपटने के लिए अपनी रचनात्मकता और प्रतिभा का उपयोग कर रहे हैं।

उन्होंने समस्याओं से निपटने और सामाजिक नवाचार को पुनर्परिभाषित करके भारत में समावेशी विकास सुनिश्चित करने के साधन के रूप में काउइन, यूपीआई और ओएनडीसी जैसे डिजिटल सार्वजनिक सामानों के उदाहरणों का हवाला दिया। मंत्री ने कहा कि टीयर 2 और 3 बाजारों से बढ़ती भागीदारी, जो तेजी से नवीनतम तकनीक को अपना रहे हैं, ने भारत में स्थानीय स्टार्टअप्स के लिए नए विचारों को सफल बनाने के लिए लिफाफे को आगे बढ़ाया है। जी-20 के माध्यम से, भारत हमारी विशेषज्ञता को स्थानांतरित करने की कोशिश कर रहा, इसलिए इंडियास्टैक ग्लोबलस्टैक होगा और तकनीक को आम आदमी तक ले जाने में मदद करने के लिए लोगों द्वारा प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के तरीके को बदल देगा।

उन्होंने कहा कि विकासशील देशों को खुद को कम लागत, आउटसोर्स सॉफ्टवेयर और सहायक सेवाओं के लिए वैश्विक तकनीक और नवाचार केंद्र बनने के लिए बदलना चाहिए। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि भारत 7 वर्षों में 41 स्थानों की बड़ी छलांग लगाते हुए डब्ल्यूआईपीओ के ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स (जीआईआई) में 40वें स्थान पर पहुंच गया है।

–आईएएनएस

केसी/एएनएम

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