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नई दिल्ली, 31 मार्च (आईएएनएस)। एक संसदीय समिति ने पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय और तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) को उज्ज्वला 2.0 के तहत 7.8 लाख लंबित आवेदनों को जल्द से जल्द निपटाने के लिए प्रयास करने और आवश्यक तौर-तरीकों को जल्द से जल्द तैयार करने की सिफारिश की है, ताकि निर्धारित समय सीमा के भीतर नए लाभार्थियों के लिए लागू किया जा सके।
समिति ने मंत्रालय से मांग पर एलपीजी कनेक्शन प्रदान करने और शहरी/ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले गरीब परिवारों के लाभार्थियों को शामिल करने की भी इच्छा जताई, ताकि प्रधानमंत्री उज्जवला योजना (पीएमयूवाई) से समाज के सभी वर्गो को लाभ मिल सके और देश भर में गैस आधारित अर्थव्यवस्था बनाने में मदद मिल सके।
समिति ने यह भी नोट किया कि पीएमयूवाई के तहत पहले से जारी किए गए 9 करोड़ के अलावा अतिरिक्त 60 लाख कनेक्शन जारी करने का लक्ष्य दिसंबर, 2022 तक हासिल कर लिया गया था।
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस पर बनी स्थायी समिति द्वारा तैयार अनुदान की मांग (2023-24) रिपोर्ट में कहा गया है, समिति के संज्ञान में आया है कि जनवरी 2023 के समापन पर उज्जवला 2.0 योजना के तहत ओएमसी को 7.8 लाख स्वीकृत आवेदन प्राप्त हुए, जो कनेक्शन जारी करने के लिए लंबित हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, उज्ज्वला 2.0 के तहत 60 लाख कनेक्शन जारी करने के संबंध में राज्यवार विवरण देखने पर समिति ने पाया कि एलपीजी कवरेज बढ़ाने के लिए और अधिक प्रयासों की आवश्यकता है।
रिपोर्ट में कहा गया है, समिति को आश्वासन दिया गया है कि पीएमयूवाई के तहत लंबित आवेदनों को जारी करने के रास्ते में धन नहीं आएगा और यह कि ओएमसी योजना को लागू करने और बाद में प्रतिपूर्ति का दावा करने के लिए अपने स्वयं के स्रोतों से व्यय करने में पूरी तरह से सक्षम हैं। इस संबंध में समिति योजना की उपलब्धि से संतुष्ट होने के नाते, योजना के सफल कार्यान्वयन के लिए मंत्रालय और ओएमसी के प्रयासों की ईमानदारी से सराहना करती है और पीएमयूवाई के तहत कनेक्शन लेने वाले नए परिवारों के उद्भव को ध्यान में रखते हुए योजना के कवरेज को और बढ़ाने के लिए उनकी तत्परता की भी सराहना करती है।
प्रधानमंत्री उज्जवला योजना 1 मई, 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) परिवारों की महिलाओं को 50 मिलियन एलपीजी कनेक्शन वितरित करने के लिए शुरू की गई थी। इस योजना को 2021 में उज्जवला योजना 2.0 के रूप में प्रतिस्थापित किया गया था।
–आईएएनएस
एसजीके/एएनएम
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