Homeउत्तराखण्ड न्यूजदूर होगा उत्तराखंड में पेयजल संकट,896 करोड़ की लगेगी लागत..

दूर होगा उत्तराखंड में पेयजल संकट,896 करोड़ की लगेगी लागत..

देहरादून: उत्तराखंड के चार जिलों में 18 नगरों के लोगों की प्यास बुझाने के लिए जापान इंटरनेशनल कॉरपोरेशन एजेंसी (जायका) ने 896 करोड़ रुपये के ऋण को सैद्धांतिक स्वीकृति दे दी है। उत्तराखंड पेयजल निगम टिहरी, हरिद्वार, पिथौरागढ़ और अल्मोड़ा में विभिन्न पेयजल योजनाओं का निर्माण इस धनराशि से करेगा।

पेयजल संकट से जूझ रहे इन नगरों में प्राकृतिक स्रोत से घरों तक पेयजल पहुंचाने से लेकर नलकूप की स्थापना व पंपिंग योजनाओं का निर्माण शामिल है। नई दिल्ली में आयोजित जायका की बैठक में उत्तराखंड के संकटग्रस्त क्षेत्रों में पेयजल योजनाओं के निर्माण को हरी झंडी मिली।

इन योजनाओं पर होगा काम

जल जीवन मिशन समेत एडीबी की तर्ज पर निर्माणाधीन योजनाओं के साथ ही अब पेयजल निगम जायका के ऋण से बड़ी योजनाओं पर भी कार्य शुरू करेगा। मुख्यमंत्री के निर्देश पर शासन और पेयजल निगम प्रबंधन ने हरिद्वार और टिहरी के छह-छह, अल्मोड़ा के चार और पिथौरागढ़ के दो नगरों में पेयजल योजनाओं का प्रस्ताव तैयार कर जायका को भेजा था। जिस पर केंद्र सरकार के अनुमोदन के बाद जायका से स्वीकृति मिल गई।

घर-घर की जाएगी आपूर्ति

पेयजल निगम के प्रस्ताव के अनुसार नगरों में पेयजल स्रोत से पानी का ट्रीटमेंट करने के बाद स्टोरेज कर घर-घर आपूर्ति की जाएगी। साथ ही ओवरहेड टैंक बनाकर नलकूप के माध्यम से पेयजल आपूर्ति और नदियों से पंपिंग योजनाओं के माध्यम से पानी की आपूर्ति भी योजना में शामिल है। पेयजल निगम के प्रबंध निदेशक एससी पंत ने बताया कि योजनाओं की डीपीआर तैयार की जा रही है। योजना निर्माण के लिए वन विभाग की एनओसी और निजी भूमि का अधिग्रहण भी शीघ्र कर लिया जाएगा।

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