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मुख्यमंत्री धामी ने कहा – गोलीकांड की पीड़ा भूलने योग्य नहीं शहीदों के परिवारों का दर्द समझता हूं

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड की नींव रखने वाले शहीद राज्य आंदोलनकारियों ने राज्य निर्माण के लिए अपना सब कुछ बलिदान कर दिया। इन शहीदों ने बहनों की राखियों और मां की ममता को त्याग कर राज्य के निर्माण में सर्वोच्च बलिदान दिया। उत्तराखंड की जनता हमेशा इन वीर शहीदों की ऋणी रहेगी, क्योंकि उनकी शहादत के कारण ही उत्तराखंड का गठन संभव हो सका।

खटीमा गोलीकांड की 30वीं बरसी के अवसर पर रविवार को शहीद स्मारक स्थल पर मुख्यमंत्री धामी ने शहीद राज्य आंदोलनकारियों भगवान सिंह सिरौला, प्रताप सिंह, रामपाल, सलीम अहमद, गोपीचंद, धर्मानंद भट्ट और परमजीत सिंह की मूर्तियों पर पुष्पांजलि अर्पित की। इसके साथ ही, शहीदों के परिजनों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित भी किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आंदोलनकारियों ने अपनी जान इसलिए दी ताकि उत्तराखंड एक स्वतंत्र राज्य बन सके और उनके सपनों को साकार कर सके। उन्होंने बताया कि एक आंदोलनकारी होने के नाते वह भी आंदोलनकारियों के परिवारों की पीड़ा को समझते हैं। खटीमा गोलीकांड को याद कर आज भी खटीमावासियों और पूरे उत्तराखंड के लोगों का दिल धड़क उठता है। राज्य निर्माण के लिए पहली शहादत खटीमा की धरती पर ही दी गई थी, जिसके फलस्वरूप हम एक पृथक राज्य के रूप में अपनी अलग पहचान बना पाए।

धामी ने कहा कि एक सितंबर 1994 को घटित खटीमा गोलीकांड का दर्द हम कभी नहीं भूल सकते, लेकिन हमें यह भी याद रखना चाहिए कि आखिरकार क्यों लोगों ने राज्य निर्माण के लिए अपना बलिदान दिया। इन महान व्यक्तियों ने केवल इसलिए अपना बलिदान दिया क्योंकि वे उत्तराखंड का सुनहरा भविष्य चाहते थे।

 नेता प्रतिपक्ष की मांग
नेता प्रतिपक्ष और खटीमा विधायक भुवन कापड़ी ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन देकर वंचित 253 राज्य आंदोलनकारियों को चिह्नित करने की मांग की। कापड़ी ने कहा कि ये 253 राज्य आंदोलनकारी भी चिह्नित आंदोलनकारियों के समान ही योग्य हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री को राज्य आंदोलनकारियों को 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने और महिलाओं को सरकारी नौकरी में आरक्षण देने के लिए आभार प्रकट किया।

 उत्तराखंड में विकास
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में कनेक्टिविटी, शिक्षा, स्वास्थ्य और पर्यटन के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया जा रहा है। औद्योगिकीकरण, पर्यटन और कृषि के क्षेत्र में विकास कर रोजगार सृजन और आर्थिक प्रगति को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि शहीद आंदोलनकारियों के परिवारों को प्रतिमाह 3000 रुपये पेंशन दी जा रही है, जबकि जेल गए, घायल और सक्रिय आंदोलनकारियों को क्रमशः 6000 और 4500 रुपये पेंशन दी जाती है।

अतिक्रमण मुक्त भूमि
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि सख्त धर्मांतरण रोधी कानून लागू करने के साथ ही अवैध मजारों के माध्यम से किए गए अतिक्रमण को हटाकर 5000 एकड़ सरकारी भूमि को अतिक्रमण से मुक्त किया गया है। इसके साथ ही, प्रदेश में सुख, शांति और समानता सुनिश्चित करने के लिए देश का सबसे कठोर नकल विरोधी कानून, दंगा रोधी कानून और समान नागरिक संहिता लागू की गई है।

बाढ़ पीड़ितों के लिए सहायता
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर ऊधमसिंह नगर के खुरपिया में एक इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी स्थापित की जाएगी, जिससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। उन्होंने बताया कि पिछले तीन वर्षों में 16 हजार युवाओं को नौकरी मिली है। खटीमा में आई आपदा के बाद 25 करोड़ रुपये की धनराशि आपदा प्रभावितों के लिए जारी की गई है, जिसमें से 12 करोड़ 68 लाख रुपये वितरित किए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री ने डीएम उदयराज सिंह को निर्देशित किया कि आपदा सहायता राशि सभी प्रभावितों तक पहुंचाने के लिए दोबारा सर्वे किया जाए।

कार्यक्रम में उपस्थित लोग
इस कार्यक्रम में सांसद अजय भट्ट, विधायक भुवन कापड़ी, रुद्रपुर विधायक शिव अरोरा, नानकमत्ता विधायक गोपाल राणा, काशी सिंह ऐरी, हुकुम सिंह कुंवर, कैप्टन शेर सिंह दिगारी, डॉ. अनिल डब्बू, महेंद्र पाल सिंह, कमल जिंदल, राजपाल सिंह, नंदन सिंह खड़ायत, रमेश चंद्र जोशी, अमित पांडेय, प्रकाश तिवारी, शांति ज्याला, विमला मुंडेला, सतीश भट्ट, भगवान जोशी, शिव शंकर भाटिया, उत्तम दत्ता, वरुण अग्रवाल, नवीन बोरा, गोपाल बोरा, संतोष अग्रवाल और विवेक सक्सेना शामिल रहे।

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