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कोलकाता, 25 जनवरी (आईएएनएस)। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मवेशी तस्करी घोटाले के सिलसिले में पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के सूरी में एक सहकारी बैंक में 153 और बेनामी बैंक खातों का पता लगाया है, जो करोड़ों रुपये की आय के डायवर्जन से जुड़े होने का संदेह है।
सीबीआई अधिकारियों की एक टीम बुधवार दोपहर सहकारी बैंक गई और इन खातों में लेनदेन की जांच की।
इसके साथ, सूरी स्थित सहकारी बैंक में 5 जनवरी से अब तक कुल बेनामी बैंक खातों की संख्या 330 हो गई है।
सूत्रों ने बताया कि इन खातों के जरिए लाखों रुपए के डेबिट और क्रेडिट दोनों तरह के लेनदेन किए गए हैं।
केंद्रीय एजेंसी के एक अधिकारी ने कहा, हमारे अधिकारियों ने इन खातों के आधिकारिक धारकों के साथ क्रॉस-चेक किया और पता चला कि उन्हें ऐसे खातों के अस्तित्व का कोई ज्ञान नहीं था। मुख्य रूप से सीमांत पृष्ठभूमि के गांवों को लक्षित किया गया था, जो अपने स्वयं के हस्ताक्षर भी नहीं कर सकते थे। इन खातों के लिए सभी आवेदन पत्रों में और साथ ही सभी लेन-देन पर्चियों में केवल एक विशेष हस्ताक्षर का उपयोग किया गया था।
उन लोगों से पूछताछ करने के बाद जो इन खातों के आधिकारिक धारक हैं, ज्यादातर बीरभूम जिले के आस-पास के गांवों के निवासी हैं, सीबीआई को पता चला है कि कुछ स्थानीय नेताओं ने कई मौकों पर लोगों से सरकारी पहचान प्रमाणों की प्रतियां लीं और उनके नाम राज्य सरकार की विकासात्मक योजनाओं से नाम जोड़ने का वादा किया।
केंद्रीय एजेंसी को संदेह है कि शायद उन प्रतियों का इस्तेमाल इन बेनामी बैंक खातों को खोलने के लिए किया गया था।
यह पहली बार है, जब कोई सहकारी बैंक पशु तस्करी मामले में सीबीआई के रडार पर आया है।
इससे पहले, सीबीआई ने तृणमूल कांग्रेस के बीरभूम जिला अध्यक्ष अनुब्रत मंडल, उनकी बेटी सुकन्या मंडल के साथ-साथ उनके कुछ करीबी सहयोगियों और परिवार के सदस्यों के कई बैंक खातों को फ्रीज कर दिया था। लेकिन ये सभी खाते सार्वजनिक या निजी क्षेत्र के बैंकों में रखे गए थे।
–आईएएनएस
एसजीके/एएनएम
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