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साइकोलॉजिस्ट और साइकियाट्रिस्ट में क्या अंतर है?

आजकल लोग मानसिक समस्याओं को लेकर खुलकर बात कर रहे हैं और इसके लिए प्रोफेशनल्स की मदद ले रहे हैं। कुछ मामलों में बातचीत से हल मिल सकता है, जबकि कुछ मामलों में दवाइयों का सहारा लेना जरूरी होता है। बिना उचित दवाइयों के, मानसिक समस्याओं से लंबे समय तक जूझना पड़ सकता है। अगर आप भी किसी तरह की मानसिक समस्याओं से जूझ रहे हैं और उसे ठीक करने के लिए प्रोफेशनल की मदद लेने का विचार कर रहे हैं, तो इसमें देरी न करें। इस लेख में हम जानेंगे कि इस तरह की समस्याओं के इलाज में साइकोलॉजिस्ट या साइकियाट्रिस्ट में से कौन उपयुक्त हो सकता है।

 

शिक्षा और प्रशिक्षण

साइकोलॉजिस्ट (Psychologist):

  • शैक्षणिक पृष्ठभूमि: साइकोलॉजिस्ट बनने के लिए व्यक्ति को मनोविज्ञान (Psychology) में स्नातक (BA/BSc), स्नातकोत्तर (MA/MSc), और फिर डॉक्टरेट (PhD या PsyD) की डिग्री प्राप्त करनी होती है।
  • प्रशिक्षण: साइकोलॉजिस्ट को क्लिनिकल, काउंसलिंग या स्कूल साइकोलॉजी में विशेष प्रशिक्षण प्राप्त होता है। उन्हें शोध कार्यों में भी प्रशिक्षित किया जाता है।
  • लाइसेंसिंग: पेशेवर रूप से काम करने के लिए साइकोलॉजिस्ट को संबंधित सरकारी या पेशेवर बोर्ड से लाइसेंस प्राप्त करना जरूरी होता है।

साइकियाट्रिस्ट (Psychiatrist)

1.शैक्षणिक पृष्ठभूमि:

  • साइकियाट्रिस्ट बनने के लिए व्यक्ति को पहले मेडिकल डिग्री (MBBS) प्राप्त करनी होती है।
  • इसके बाद उन्हें मानसिक स्वास्थ्य में विशेषता प्राप्त करने के लिए मनोचिकित्सा (Psychiatry) में MD या DNB की डिग्री करनी होती है।

2. प्रशिक्षण:

  • साइकियाट्रिस्ट को मानसिक बीमारियों के जैविक और चिकित्सीय उपचार में व्यापक प्रशिक्षण मिलता है।
  • इसमें दवाओं का उपयोग, मेडिकल प्रक्रियाएं और रोग निदान शामिल होता है।

3. लाइसेंसिंग:

  • साइकियाट्रिस्ट को भी मेडिकल बोर्ड से लाइसेंस प्राप्त करना जरूरी होता है जिससे वे चिकित्सीय उपचार प्रदान कर सकें।

मानसिक स्वास्थ्य के कार्यक्षेत्र और उपचार: साइकोलॉजिस्ट और साइकियाट्रिस्ट की विशेषताएँ

साइकोलॉजिस्ट -साइकियाट्रिस्ट
साइकोलॉजिस्ट और साइकियाट्रिस्ट

 

साइकोलॉजिस्ट (Psychologist):

  1. मनोचिकित्सा: साइकोलॉजिस्ट CBT (Cognitive Behavioral Therapy), परिवारिक थेरेपी, और व्यक्तिगत काउंसलिंग जैसे विभिन्न प्रकार की थेरेपी से उपचार करते हैं।
  2. मनोवैज्ञानिक परीक्षण: वे IQ टेस्ट, पर्सनैलिटी असेसमेंट, और न्यूरोसाइकोलॉजिकल टेस्ट जैसे विभिन्न मनोवैज्ञानिक परीक्षण करते हैं।
  3. शोध और अकादमिक कार्य: साइकोलॉजिस्ट अकादमिक और शोध कार्यों में भी संलग्न होते हैं, जिससे मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में नई जानकारियां और तकनीकें विकसित होती हैं।

साइकियाट्रिस्ट (Psychiatrist):

  1. दवाओं का उपयोग: साइकियाट्रिस्ट मानसिक बीमारियों के उपचार के लिए दवाओं का प्रयोग करते हैं, जैसे कि एंटीडिप्रेसेंट्स, एंटी-साइकोटिक्स, और एंटी-एंग्जायटी मेडिकेशन।
  2. मेडिकल उपचार: वे मेडिकल और जैविक उपचार भी प्रदान करते हैं, जैसे कि इलेक्ट्रोकोन्वल्सिव थेरेपी (ECT)।
  3. निदान और प्रबंधन: साइकियाट्रिस्ट जटिल मानसिक बीमारियों जैसे कि स्किजोफ्रेनिया, बायपोलर डिसऑर्डर, और गंभीर डिप्रेशन का निदान और प्रबंधन करते हैं।

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