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उत्तराखंड में जल्द लागू होगी समान नागरिक संहिता,मुख्यमंत्री धामी ने तेज की तैयारियां ..

देहरादून: लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी अपने सभी बड़े दांव चलने की तैयारी में है।  अयोध्या में जहां राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां ने जोर पकड़ लिया है, तो दूसरी तरफ प्राण प्रतिष्ठा के महीने में ही धामी सरकार की टीम विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट सौंपकर चुनावी अभियान को नई धार देगी। प्रदेश में समान नागरिक संहिता लागू करने की दिशा में अब सरकार आगे कदम बढ़ाने लगी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट तैयार करने वाली समिति ने कहा है कि जनवरी में वह सरकार को समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट सौंप देगी।

सीएम धामी ने कहा कि ड्राफ्ट मिलने के बाद जो भी औपचारिकताएं होंगी, उन्हें पूरा किया जाएगा। इसके बाद विधानसभा सत्र बुलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार मूल निवास के विषय पर भी उच्च स्तरीय समिति का गठन कर रही है। साथ ही भू कानून की रिपोर्ट का अध्ययन करने के लिए भी उच्च स्तरीय समिति का गठन किया जा रहा है।

समान नागरिक संहिता को लागू करना है प्राथमिकता

सीएम धामी ने कहा कि प्रदेश में समान नागरिक संहिता को लागू करना मौजूदा भाजपा सरकार की शीर्ष प्राथमिकता में शामिल रहा है। सरकार ने इसका ड्राफ्ट बनाने के लिए जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई (सेनि) की अध्यक्षता में विशेषज्ञ समिति का गठन किया। समिति अपना कार्य पूरा कर चुकी है।

ड्राफ्ट में संशोधन की है जरूरत

माना जा रहा है कि 500 पृष्ठों की रिपोर्ट में समिति ने ड्राफ्ट में मौजूदा कानून में संशोधन करने की जरूरत करने पर जोर दिया है। इस ड्राफ्ट में सभी धर्मों के अनुयायियों को समान अधिकार देने की वकालत की गई है। साथ ही लिव इन रिलेशनशिप, तलाक, पैतृक व पति की संपत्ति में महिलाओं को समान अधिकार देने, उत्तराधिकार, विरासत, गोद लेने, स्थानीय व जनजातीय परंपराओं तथा रीति रिवाजों का अनुपालन व निजी स्वतंत्रता संबंधी बिंदु भी शामिल किए हैं।

प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद सौंपी जाएगी रिपोर्ट

माना जा रहा है कि 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद यह रिपोर्ट सरकार को सौंपी जाएगी। प्रदेश सरकार ने मूल निवास संबंधी सभी कार्यों के समाधान के लिए उच्च स्तरीय समिति का गठन करने का भी निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जो भी राज्य के हित में होगा, वह कार्य किया जाएगा। साथ ही सरकार भू कानून पर मिली सुभाष कुमार समिति की रिपोर्ट के अध्ययन के लिए भी एक उच्च स्तरीय समिति बनाई जा रही है, जो इस पर कार्य करेगी।

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