भगवान बिरसा मुंडा की विरासत को समर्पित जनजातीय गौरव दिवस, जनजातीय समुदायों की सांस्कृतिक धरोहर और योगदान को करेगा उजागर आज उत्तराखंड में जनजातीय गौरव दिवस मनाया जाएगा, जो विशेष रूप से भगवान बिरसा मुंडा की विरासत को समर्पित है। इस दिन का उद्देश्य जनजातीय समुदायों की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और उनके योगदान को सम्मानित करना है। जनजाति कल्याण विभाग के निदेशक एसएस टोलिया के अनुसार, ओएनजीसी स्टेडियम कौलागढ़ में तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा, जिसका उद्घाटन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी करेंगे। इसके अतिरिक्त, मुख्य सेवक सदन में भी एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।
निदेशक एसएस टोलिया ने बताया कि जनजातीय गौरव दिवस भगवान बिरसा मुंडा की याद में मनाया जाता है, जो एक महान जनजातीय नेता और स्वतंत्रता सेनानी थे। यह दिन केवल उनके योगदान को सम्मानित करने का नहीं, बल्कि पूरे जनजातीय समुदाय की सांस्कृतिक धरोहर, उनके संघर्ष और राष्ट्र निर्माण में योगदान को भी उजागर करने का अवसर है।
कार्यक्रम के पहले दिन, 15 नवंबर को, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शाम 5 बजे ओएनजीसी स्टेडियम में कार्यक्रम का शुभारंभ करेंगे। इसके बाद, शाम साढ़े छह बजे से सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरुआत होगी। इसमें उत्तराखंड के प्रसिद्ध लोकगायक इंदर आर्या और लोकगायिका रेशमा शाह अपनी शानदार प्रस्तुति देंगी।
16 नवंबर को दोपहर 1 बजे प्रदर्शनी स्थल दर्शकों के लिए खोला जाएगा। शाम 6 बजे सांस्कृतिक कार्यक्रमों की अगली कड़ी शुरू होगी, जिसमें प्रसिद्ध लोकगायिका माया उपाध्याय, लोकगायक नरेश बादशाह और विवेक नौटियाल अपने गीतों से समा बांधेंगे।
17 नवंबर को कार्यक्रम के अंतिम दिन, सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन शाम 6 बजे से होगा, जिसमें उत्तराखंड और अन्य राज्यों के सांस्कृतिक दल अपनी प्रस्तुति देंगे। रात साढ़े आठ बजे, लोकगायक किशन महिपाल और सनी दयाल के द्वारा विशेष प्रस्तुति की जाएगी, जो इस तीन दिवसीय आयोजन को समापन की ओर ले जाएगी।
यह तीन दिवसीय कार्यक्रम जनजातीय समुदाय की सांस्कृतिक धरोहर को समर्पित है और उनके योगदान को मान्यता देने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।