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41 मजदूरों की जान जोखिम में,बचाने की जद्दोजहद जारी..टनल पर पहुंचा प्लाज्मा कटर

उत्तरकाशी: सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों की जान जोखिम में है। उन्होंने बचाने के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है। तमाम अड़चनों, बाधाओं के बावजूद बचाव कर्मी श्रमिकों को सही सलामत सुरंग से बाहर लाने के प्रयास में लगे हुए हैं।

समाचार एजेंसी एएनआई की खबर के मुताबिक, अब टनल के अंदर काम कर रहे बचाव दल के लोगों के लिए प्रोटेक्शन अंब्रेला बनाया जा रहा है। फिलहाल इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं मिल पाई है। माना जा रहा है कि ये बचाव टीम की सुरक्षा के लिए बनाया जा रहा है।

चारधाम ऑलवेदर परियोजना की सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों की जिंदगी बचाने के लिए बचाव अभियान चल रहा है। 14 दिनों से टनल के अंदर फंसे श्रमिकों की सेहत ठीक है। उन्हें लगातार पाइप के जरिए खाना दिया जा रहा है। उम्मीद की जा रही है सभी मजदूर जल्द ही सकुशल बाहर आ जाएंगे।

सिलक्यारा टनल पर पहुंचा प्लाज्मा कटर

शनिवार रात को तकरीबन 10 बजे प्लाज्मा कटर जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर पहुंचा. उसके बाद रात करीब तीन बजे कटर को सिलक्यारा टनल पर लाया गया, जिसके बाद उसको अंदर ले जाया गया और अब प्लाज्मा कटर ने ऑगर मशीन के फंसे ब्लेड को काटना शुरू कर दिया है. ब्लेड को काटकर बाहर निकाला जाएगा फिर उस जगह को पूरी तरह साफ किया जायेगा. उसके बाद ही टनल के अंदर बचे 10 मीटर ड्रिल के काम को मैनुअल तरीके से शुरू किया जाएगा. इसलिए देखा जाए तो आज देर रात या कल सुबह से ही मैनुअल ड्रिलिंग का काम शुरू हो पाएगा.

ऑगर मशीन के फंसे बरमे को काटने के लिए आज तड़के पांच बजे हैदराबाद से प्लाज्मा कटर पहुंच गया है। जिससे अभी तक 27 मीटर बरमे को काटकर निकाला जा चुका है। अभी 18 मीटर तक और काटकर निकाला  जाना है। सूत्रों के अनुसार इस काम में अभी एक से डेढ़ दिन का समय और लग सकता है।

मौसम विभाग ने उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली में बारिश का अलर्ट जारी किया है. उत्तरकाशी में कई जगहों पर बर्फबारी हो सकती है. अगले दोल दिन तक ऐसा ही मौसम बना रहेगा. ऐसे में ठंड और बढ़ेगी. इसलिए रेस्क्यू में लगी टीमें भी चिंतित हैं .

शुक्रवार शाम से ही ड्रिल करते वक्त अवरोध उत्पन्न हो रहे थे. थोड़ी-थोड़ी दूर पर लोहे के सरिए और पत्थर आ रहे थे, जिसके चलते रेस्क्यू रुक गया था. लोहे के सरिए आने की वजह से ऑगर मशीन के ब्लेड टूटकर अंदर फंसे हुए हैं, जिसे निकालने की कवायद शनिवार सुबह से ही हो गई थी, तब से उस ब्लेड को मैनुअल तरीके से काटा जा रहा था. लेकिन अब हैदराबाद से मंगवाया गया प्लाज्मा कटर टनल में पहुंच गया है.

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