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“विधानसभा भर्ती एवं सेवा नियमावली का प्रस्ताव लौटाया” बैकडोर से भर्ती किए गए कार्मिक हटा दिए गए थे।

बेरोजगारों को विधानसभा में खाली पदों पर भर्ती का बेसब्री से इंतजार है। अब विधानसभा सचिवालय की जरूरत के हिसाब से पदों का ढांचा तय होगा। नियमावली में सीधी भर्ती के साथ ही पदोन्नति के नियमों में संशोधन प्रस्तावित है। इसमें विधानसभा सचिव पद के लिए न्यायिक सेवा अधिकारी या विधानसभा व संसद के किसी अनुभवी अधिकारी को प्रतिनियुक्ति देने का प्रावधान हो सकता है।

कार्मिक विभाग ने विधानसभा भर्ती एवं सेवा नियमावली के प्रस्ताव को संशोधन के सुझाव के साथ लौटा दिया है। अब विधानसभा सचिवालय इस प्रस्ताव को संशोधित कर जल्द कार्मिक विभाग को भेजेगा। सेवा नियमावली को मंजूरी मिलने के बाद विधानसभा सचिवालय उसी आधार पर खाली पदों पर भर्ती करेगा।

राज्य के हजारों बेरोजगारों को विधानसभा में खाली पदों पर भर्ती का बेसब्री से इंतजार है। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने शासन से सेवा नियमावली लौटाए जाने की पुष्टि की है। विधानसभा सचिवालय में खाली पदों पर पारदर्शी तरीके से भर्ती के लिए सेवा नियमावली लागू की जानी है।

कुछ दिनों पूर्व सेवा नियमावली का प्रस्ताव तैयार कर विधानसभा ने इसे कार्मिक विभाग को भेज दिया था। कार्मिक विभाग ने सेवा नियमावली पर न्याय विभाग और विधायी विभाग से परामर्श लिया था। परामर्श प्राप्त होने के बाद शासन ने सेवा नियमावली को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए इसे सुझावों के साथ विधानसभा सचिवालय को लौटा दिया।

प्रस्तावित सेवा नियमावली में अब विधानसभा सचिवालय की जरूरत के हिसाब से पदों का ढांचा तय होगा। नियमावली में सीधी भर्ती के साथ ही पदोन्नति के नियमों में संशोधन प्रस्तावित है। इसमें विधानसभा सचिव पद के लिए न्यायिक सेवा अधिकारी या विधानसभा व संसद के किसी अनुभवी अधिकारी को प्रतिनियुक्ति देने का प्रावधान हो सकता है। तदर्थ आधार पर नियुक्तियों के बजाय लोक सेवा आयोग, अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से खाली पदों पर भर्ती की जाएगी।

विधानसभा को प्रशासकीय विभाग बनाने के प्रावधान को समाप्त किया जा सकता है। नियमावली में स्पीकर को विशेष दशा में कर्मचारियों के अनुभव व शैक्षिक योग्यता के आधार पर छूट देने, छह महीने में पद सृजित करने की व्यवस्था को खत्म करने और विधानसभा सचिवालय में जरूरत के अनुसार पदों का युक्तिकरण का ढांचा बनाने के नए प्रावधान हो सकते हैं।

राज्य गठन के बाद उत्तराखंड में उत्तर प्रदेश विधानसभा भर्ती एवं सेवा नियमावली 1974 लागू थी। 2011 में उत्तराखंड विधानसभा भर्ती एवं सेवा नियमावली बनाई गई। वर्ष 2015 व 2016 में नियमावली में कई संशोधन किए गए थे, लेकिन नई सेवा नियमावली के आधार पर भर्ती प्रक्रिया नहीं अपनाई गई।

हम भर्ती, पदोन्नति, प्रशिक्षण एवं जरूरत के हिसाब से पदों के ढांचे के संबंध में एक नया सिस्टम तैयार करने का प्रयास कर रहे हैं। कार्मिक विभाग ने हमें सेवा नियमावली कुछ अच्छे सुझाव के साथ भेजी है, जिन्हें शामिल करते हुए हम इसे वापस भेज रहे हैं।

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