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ग्रेटर नोएडा, 31 जनवरी (आईएएनएस)। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने नियमों को ताक पर रखकर नियुक्त किए गए 49 कर्मचारियों की सेवाओं को समाप्त कर दिया है। इनमें कई प्राधिकरण के अधिकारियों और कर्मचारियों के रिश्तेदार हैं। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को भेजी गई शिकायत के बाद गठित तीन सदस्यीय समिति की जांच रिपोर्ट के बाद सीईओ रितु माहेश्वरी के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई। जिन दो एजेंसियों ने इन कर्मचारियों को नियुक्त किया था, उन्हें भी प्रतिबंधित कर दिया गया है।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने कर्मचारियों की कमी को दूर करने के लिए नोएडा के राधा-कृष्ण सर्विस प्रोवाइडर और माधव एसोसिएट के माध्यम से पिछले साल मैनेजर से लेकर चपरासी तक की नियुक्ति की थी। कर्मचारियों की नियुक्ति में अनियमितता और धांधली के आरोप लग रहे थे। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने एसीओ प्रेरणा शर्मा को नियुक्तियों की जांच सौंपी गई थी। मामले में कमेटी भी गठित की गई थी। जांच में ये नियुक्तियां गलत पाई गईं। रिपोर्ट में कहा गया कि कई अपात्रों को नियुक्त कर दिया गया।
नियुक्तियों में गड़बड़ी की शिकायत बादलपुर गांव निवासी राजेंद्र सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से की थी। वही मेरठ निवासी नीलकमल ने प्रधानमंत्री कार्यालय और नौकरी के लिए आवेदन करने वाले आकाश त्यागी ने भी मुख्यमंत्री कार्यालय में शिकायत की थी।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के ओएसडी क्रमिक रविंद्र सिंह यादव की ओर से जारी किए गए आदेश के मुताबिक माधव एसोसिएट की ओर से नियुक्त रिचा सिंह, पूनम, मनोज गौतम, सुमित, विशाल चौधरी, गौरव नाथ दुबे, गौरव कुमार, ध्रुव कुमार, वरुण शर्मा, रोहित सिंह, विवेक सिंह, लवेश शर्मा, मोहसिन खान, अभिजीत सिंह राठी, सोनू कुमार पाठक, मोहित चौधरी, विक्रांत सिरोही, तरुण नागर, विपिन कुमार को नौकरी से हटा दिया गया है। वहीं, राधाकृष्ण सर्विस प्रोवाइडर की ओर से नियुक्त कुलदीप सिंह, अमित भाटी, सौरव मिश्रा, लाभांश भाटी, निखिल बंसल, पंकज कुमार रंजन, मुसरलीन खान, रितिक, अमित कुमार भाटी समेत अन्य की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं।
–आईएएनएस
पीकेटी/सीबीटी
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