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हिंदू अध्ययन में एमए कोर्स संचालित किया जाएगा..पाठ्यक्रम विद्या-विज्ञान, धर्म-विज्ञान, हिंदू धर्म शास्त्र सिखाया जायेगा

बीएचयू (काशी हिंदू विश्वविद्यालय) और डीयू (दिल्ली विश्वविद्यालय) के बाद अब दून विश्वविद्यालय में भी छात्र हिंदू धर्म का अध्ययन करेंगे। दून विश्वविद्यालय उत्तराखंड का पहला विश्वविद्यालय बनेगा, जहां 2026 से अलग से एक विभाग स्थापित करके *हिंदू अध्ययन* में मास्टर कोर्स (एमए) संचालित किया जाएगा। इस पाठ्यक्रम के अंतर्गत छात्रों को हिंदू धर्म के साथ-साथ पुरानी विद्या, विज्ञान, धर्म-विज्ञान, हिंदू धर्म शास्त्र और धार्मिक परंपराओं में गहरी समझ दी जाएगी।

यह महत्वपूर्ण कदम तब उठाया जा रहा है जब काशी हिंदू विश्वविद्यालय ने वर्ष 2021 में *हिंदू अध्ययन* के तहत दो वर्षीय एमए (हिंदू स्टडीज) कोर्स की शुरुआत की थी। वहीं, वर्ष 2023 से दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) ने हिंदू अध्ययन में पोस्टग्रेजुएट और पीएचडी प्रोग्राम्स भी शुरू किए हैं। अब, नई शिक्षा नीति के तहत दून विश्वविद्यालय भी हिंदू अध्ययन के कोर्स की शुरुआत करने जा रहा है।

हाल ही में हुई कैबिनेट की बैठक में इस योजना को मंजूरी मिलने के बाद, विश्वविद्यालय प्रशासन ने हिंदू स्टडीज विभाग की स्थापना की दिशा में कदम तेज कर दिए हैं। इस कदम से राज्य में धार्मिक और सांस्कृतिक अध्ययन के नए अवसर पैदा होंगे और छात्रों को हिंदू धर्म, संस्कृति और दर्शन के गहरे पहलुओं को समझने का मौका मिलेगा।

नहीं मिल रहे हिंदू स्टडीज के प्रोफेसर

हालांकि हिंदू स्टडीज कोर्स की शुरुआत हो चुकी है, लेकिन दून विश्वविद्यालय को इस विषय में प्रशिक्षित प्रोफेसरों की कमी का सामना करना पड़ रहा है। चूंकि यह कोर्स नया है, विश्वविद्यालय के सामने यह एक बड़ी चुनौती बन गई है। बीएचयू और दिल्ली विश्वविद्यालय में यह कोर्स पहले से संचालित हो रहा है, इस वजह से दून विवि अब इन दोनों विश्वविद्यालयों से प्रशिक्षित स्टाफ को बुलाने की कोशिश कर रहा है। विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि विभाग में प्रोफेसरों के पदों की संख्या और प्रवेश के लिए सीटों की संख्या पर अभी काम चल रहा है, और जल्द ही इसे पूरा किया जाएगा।

रामायण, महाभारत में होंगे निपुण

हिंदू स्टडीज के पाठ्यक्रम को लेकर छात्रों और विशेषज्ञों में कई तरह की जिज्ञासाएं हैं। इस संदर्भ में दून विश्वविद्यालय में हिंदू स्टडीज विभाग की स्थापना को लेकर काम कर रही रिसर्च टीम के सदस्यों का कहना है कि इस कोर्स में छात्रों को रामायण, महाभारत, वेद, वेदांत, वेदांग, ज्ञान मीमांसा, भाषा विज्ञान, कालिदास, तुलसीदास, आर्य समाज, बुद्ध, जैन धर्म, और स्वामी विवेकानंद के जीवन और सिद्धांतों पर अध्ययन कराया जाएगा। इसके अलावा, छात्रों को हिंदू साहित्य, भूगोल, स्थापत्य कला, पुरातत्व, प्राचीन सैन्य विज्ञान, हिंदू रसायनशास्त्र, कला, शास्त्रीय संगीत और नाटक की विधाओं का भी गहरा अध्ययन कराया जाएगा। इस तरह से छात्रों को धार्मिक, सांस्कृतिक और वैदिक ज्ञान के साथ-साथ उनके प्राचीन और आधुनिक संदर्भों पर भी प्रशिक्षण मिलेगा।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी किया गया फोकस

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 में भारत की शिक्षा प्रणाली में भाषा, संस्कृति और धार्मिक अध्ययन पर विशेष जोर दिया गया है। इस नीति के तहत भारत के उच्च शिक्षा नियामक विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने हिंदू अध्ययन में स्नातकोत्तर डिग्री के लिए एक व्यापक पाठ्यक्रम जारी किया। इसके बाद, काशी हिंदू विश्वविद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय और अब दून विश्वविद्यालय ने भी हिंदू स्टडीज के क्षेत्र में कदम बढ़ाए हैं। राज्य सरकार ने भी इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए हिंदू अध्ययन को पाठ्यक्रम में शामिल करने का निर्णय लिया है, ताकि छात्रों को भारतीय संस्कृति और धार्मिक धरोहर के प्रति गहरी समझ मिल सके।

इस प्रकार, दून विश्वविद्यालय में हिंदू स्टडीज का कोर्स न केवल राज्य में एक नया शैक्षिक विकल्प प्रस्तुत करेगा, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और धर्म के समृद्ध इतिहास को आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास होगा।

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