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वकील ने एससी से आग्रह किया- अडानी फर्मों पर मीडिया रिपोटरें को सेबी द्वारा सत्यापित किए जाने तक रोकें

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नई दिल्ली, 7 फरवरी (आईएएनएस)। सर्वोच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें मांग की गई है कि मीडिया को अडानी समूह की फर्मों के संबंध में आरोपों को तब तक प्रकाशित करने से रोका जाए, जब तक कि बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) उनका सत्यापन नहीं कर लेता।

अधिवक्ता एमएल शर्मा द्वारा दायर अंतरिम आवेदन में कहा गया है कि मीडिया प्रचार के कारण भारतीय शेयर बाजार 50 प्रतिशत से अधिक गिर गया है और आरोप निवेशकों में दहशत पैदा कर रहे हैं।

शर्मा का आवेदन उनकी जनहित याचिका का एक हिस्सा है, जो पिछले सप्ताह दायर किया गया था। याचिका को अब तक सुनवाई के लिए सूचीबद्ध नहीं किया गया है। आवेदन में आगे कहा गया है कि आम निवेशकों की हत्या की जा रही है, जिन्हें न्याय के हित में रोका जाना चाहिए, बयानों या अन्य संबंधित समाचार रिपोटरें पर गैग ऑर्डर की मांग की गई जब तक कि वह सेबी द्वारा दायर और सत्यापित नहीं किए जाते।

शर्मा द्वारा दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि हिंडनबर्ग रिसर्च के अमेरिकी निवासी एंडरसन और उनकी भारतीय संस्थाओं ने आपराधिक साजिश रची और 25 जनवरी 2023 को सैकड़ों बिलियन डॉलर की शॉर्ट सेल की, उन्होंने रिसर्च रिपोर्ट के रूप में एक मनगढ़ंत खबर जारी की, उन्होंने अडानी समूह की कंपनियों के लिए अनुसंधान रिपोर्ट के रूप में मनगढ़ंत खबर जारी की, जिससे शेयर बाजार में क्रैश हो गया और हिंडनबर्ग ने इसका फायदा उठाया।

भारतीय अरबपति गौतम अडानी के बारे में अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट ने उनके साम्राज्य से 100 बिलियन डॉलर से अधिक को डूबा दिया और उन्हें वैश्विक अमीर सूची में नीचे धकेल दिया। अडाणी समूह ने हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए आरोपों को खारिज किया।

शर्मा की याचिका में आगे कहा गया है, उन्होंने भारत के नागरिकों को नुकसान पहुंचाकर अरबों का मुनाफा हासिल किया। हालांकि, सेबी ने विशेष रूप से अडानी समूह की कंपनियों के शेयरों में व्यापार को निलंबित नहीं किया और शॉर्ट सेलर्स को निर्दोष निवेशकों का शोषण करने दिया। क्या मनगढ़ंत कृत्रिम साधनों के माध्यम से मार्केट को क्रेश करके शेयर मार्केट में स्टॉक को क्रेश करके जानबूझकर शॉर्ट सेलिंग करना आईपीसी की धारा 420 और 120-बी सहपठित सेबी अधिनियम 1992 की धारा 15एचए की के तहत दंडनीय धोखाधड़ी नहीं है। निवेशकों को मुआवजा देने के लिए पेनल्टी के साथ शॉर्ट सेलिंग का टर्नओवर एंडरसन से वसूला जाए।

–आईएएनएस

केसी/एएनएम

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