कुवैत: कुवैत में हुए भीषण अग्निकांड में मरने वालों में 45 भारतीयों की पहचान हो गई है। इस घटना में उत्तर प्रदेश से दो, केरल से 24, तमिलनाडु से सात, और आंध्र प्रदेश से तीन लोगों की मौत हो गई। भारतीय वायु सेना का विशेष विमान, सी-130जे, शुक्रवार कोच्चि एयरपोर्ट पर पहुंचा, जिसमें 45 भारतीयों के शव थे। इस दुर्दशा में विदेश मंत्रालय और विदेशी दूतावास सक्रिय रहे हैं।
सुपर हरक्युलिस विमान ने मृतकों के शवों को लेकर आया। इस विमान ने कुवैत से 45 शवों को लेकर रवाना हुआ था। पहले यह विमान केरल के कोच्चि में उतरा, क्योंकि ज्यादातर मृतक वहीं के थे। इसके बाद विमान दिल्ली आएगा। यहां से शव संबंधित राज्यों में भेजे जाएंगे।
अब तक 48 शवों की पहचान हो चुकी है। यूपी के मृतकों की पहचान वाराणसी के माधव सिंह, गोरखपुर के जयराम गुप्ता, और अंगद गुप्ता के रूप में हुई है। वहीं, आंध्र प्रदेश के मृतकों में श्रीकाकुलम जिले के टी लोकानंदम, पश्चिम गोदावरी जिले के एम सत्यनारायण और एम ईश्वरुडु की पहचान की गई है। कुवैत के प्रथम उप प्रधानमंत्री शेख फहद अल-यूसूफ अल-यूसुफ के हवाले से अरब टाइम्स ने बताया कि अधिकारियों ने अब तक 48 शवों की पहचान की है। मंगाफ में हुए हादसे में 49 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 50 से अधिक घायल हुए हैं।
केरल सरकार ने परिजनों को 5-5 लाख रुपये की मदद की घोषणा की है। भारत के विदेश राज्यमंत्री कीर्तिवर्धन सिंह कुवैत पहुंच गए हैं और वहां घायलों से मिले हैं। उन्होंने स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर शवों को भारत लाने के प्रयास में जुटाई है। कुवैत प्रशासन ने शवों की पहचान के बाद वादा किया है कि वह हादसे की त्वरित जांच करेगा और शवों को वापस भेजने में पूरी मदद करेगा। इमारत में 196 श्रमिक थे, जिनमें से एक दिन पहले 160 बताए गए थे।
विदेश राज्यमंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने कुवैत के विदेश मंत्री अब्दुल्ला अली अल-याह्या से मुलाकात की। अल-याह्या ने पूरा सहयोग देने का वादा किया। सिंह प्रथम उप प्रधानमंत्री शेख फहद से भी मिले, जिन्होंने देश के अमीर की ओर से पीड़ितों के प्रति अपनी संवेदना जताई। शेख फहद ने भी हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया है।