गाजा युद्ध का दंश झेल रहे पश्चिम एशिया में हालात तेजी से बिगड़ रहे हैं। हिज़बुल्ला प्रमुख हसन नसरल्ला के मारे जाने के बाद ईरान भड़का हुआ है। मंगलवार रात, ईरान ने इस्राइल पर 200 से अधिक मिसाइलें दागी, जिससे दोनों के बीच तनाव चरम पर पहुँच गया है।
इस हमले के संदर्भ में, भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने 7 अक्टूबर को हमास द्वारा इस्राइल पर किए गए हमले को आतंकवादी कार्रवाई करार दिया। उन्होंने इस हमले की निंदा करते हुए कहा कि इस तरह के हमलों से क्षेत्र की सुरक्षा और स्थिरता को खतरा है।
इस प्रकार, पश्चिम एशिया में स्थिति और भी गंभीर होती जा रही है, जहाँ विभिन्न पक्षों के बीच वार-पलटवार का सिलसिला जारी है।
इस्राइल को जवाब देने की आवश्यकता, मगर…
डॉक्टर एस. जयशंकर ने स्पष्ट किया कि भारत सात अक्टूबर को हुए हमास के हमले को आतंकवादी कार्रवाई मानता है। उन्होंने कहा, “हम समझते हैं कि इस्राइल को जवाब देने की आवश्यकता है। लेकिन हमारा यह भी मानना है कि किसी भी देश को अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून को ध्यान में रखकर प्रतिक्रिया देनी चाहिए। इसके साथ ही, नागरिकों के हित और नुकसान को लेकर सावधानी बरतनी चाहिए।”
जयशंकर के इस बयान ने एक बार फिर यह संदेश दिया कि सुरक्षा के मुद्दे पर प्रतिक्रिया करते समय मानवाधिकारों और मानवीय पहलुओं का ध्यान रखना आवश्यक है।
हम संघर्ष के व्यापक होने की संभावना से परेशान’
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि किसी भी तरह का अंतरराष्ट्रीय मानवीय प्रयास आवश्यक है। उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा, “हम संघर्ष के व्यापक होने की संभावना से परेशान हैं। यह न केवल लेबनान में हुई घटनाओं को लेकर है, बल्कि हूतियों और लाल सागर के साथ-साथ ईरान और इस्राइल के बीच जो कुछ भी हो रहा है, उसे लेकर भी।”
जयशंकर ने बातचीत के महत्व पर जोर देते हुए कहा, “कठिन समय में बातचीत के महत्व को कम नहीं समझना चाहिए। अगर कुछ बातें साझा करने या आगे बढ़ाने की जरूरत है, तो ये सभी योगदान हैं जो हम कर सकते हैं, और हम करते हैं।”
यह बयान जयशंकर ने ईरान के इस्राइल पर हमले से पहले दिया था।
भारत और चीन के रिश्ते पर जयशंकर
चीन और भारत के बीच तनाव के संदर्भ में जयशंकर ने कहा, “हमने सीमा को शांतिपूर्ण और स्थिर रखने के लिए चीन के साथ समझौते किए थे, लेकिन 2020 में चीन ने उन समझौतों का उल्लंघन किया। कुछ तनाव इस कारण भी है कि हमारी सेनाएं अग्रिम मोर्चे पर तैनात हैं। जब तक इन तैनातियों का समाधान नहीं होता, तब तक तनाव जारी रहेगा। यदि तनाव बढ़ता है, तो इसका स्वाभाविक असर बाकी रिश्तों पर भी पड़ेगा। इसलिए पिछले चार सालों से हमारे रिश्ते अच्छे नहीं रहे हैं।”
ईरान और इस्राइल के बीच तनाव:
इस्राइल ने पिछले महीने लेबनान पर बड़े पैमाने पर हवाई हमले किए, जिसमें हिजबुल्ला के कई शीर्ष कमांडरों, including हिजबुल्ला प्रमुख हसन नसरल्ला, को निशाना बनाया गया। इस कार्रवाई के बाद ईरान ने प्रतिक्रिया स्वरूप मंगलवार रात इस्राइल पर 200 से अधिक बैलेस्टिक मिसाइलें दागीं।
ईरान के इस हमले के चलते पूरे इस्राइल में अलर्ट घोषित कर दिया गया, और चेतावनी के सायरन बजने लगे। इस्राइली सरकार ने नागरिकों को मोबाइल फोन और टीवी के माध्यम से संदेश भेजकर बम शेल्टर में जाने के लिए कहा। बताया जा रहा है कि कम से कम तीन मिसाइलें तेल अवीव और यरूशलम पर गिरीं, लेकिन हमले से होने वाले नुकसान की जानकारी अभी तक उपलब्ध नहीं हो पाई है।
ईरान ने इस हमले को हिजबुल्ला के नेता और हमास के अधिकारी की हत्या का बदला लेने के रूप में बताया। इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी ईरान के हमले पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है, कहकर कि अमेरिका इस्राइल की मदद के लिए तैयार है।