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विश्व रेडियो दिवस पर उद्योग जगत के विशेषज्ञ बोले, 5जी तकनीक ने खोलीं अपार संभावनाएं

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नई दिल्ली, 14 फरवरी (आईएएनएस)। उद्योग के विशेषज्ञों ने सोमवार को कहा कि 4जी और 5जी प्रौद्योगिकियों के माध्यम से रेडियो प्रसारण और इंटरनेट प्रोटोकॉल (आईपी) सेवाओं का अभिसरण भारत में सामग्री, व्यक्तिगत अनुभवों और इंटरैक्टिव मीडिया की खोज के लिए नई संभावनाएं खोलता है।

विश्व रेडियो दिवस के अवसर पर विशेषज्ञों ने कहा कि डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र के साथ सह-अस्तित्व के लिए समान अवसर के साथ प्रोत्साहित किया जाए तो रेडियो उद्योग में फलने-फूलने की क्षमता है।

जून 1923 में बॉम्बे के रेडियो क्लब ने देश में पहली बार प्रसारण किया।

रेड एफएम और मैजिक एफएम की निदेशक और सीओओ निशा नारायणन ने आईएएनएस को बताया, जब से हमने अभूतपूर्व वृद्धि हासिल की है और 100 वर्षो के बाद हम केवल संपन्न हो रहे हैं। स्पेक्ट्रम के एक छोर पर, रेडियो अंतिम मील दृष्टिकोण के रूप में काम करता है और दूसरे छोर पर यह विज्ञापनदाताओं को मीडिया के अंधेरे कोनों में दर्शकों तक पहुंचने में सहायता करता है।

रेडियो तर्कसंगतता, व्यापक पहुंच, रुचि समूह चयनात्मकता और सुविधाजनक संदेश प्रसारण प्रदान करता है।

रेडियो पर समाचार और समसामयिक मामलों की अनुमति देकर उद्योग फल-फूल सकता है।

नारायणन ने कहा, यह अधिक खिलाड़ियों को पारिस्थितिकी तंत्र में शामिल होने और प्रकृति में कम एकाधिकार बनाने के लिए प्रोत्साहित कर सकता है।

3 नवंबर, 2011 को यूनेस्को ने 13 फरवरी को विश्व रेडियो दिवस के रूप में घोषित किया।

यह रेडियो के महत्व को बनाए रखने के साथ-साथ निर्णय लेने वालों को रेडियो के माध्यम से सूचना तक पहुंच प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए मनाया जाता है।

इस वर्ष विश्व रेडियो दिवस की थीम रेडियो एंड पीस है।

एक्सपीरी डिजिटल प्लेटफॉर्म और एचडी रेडियो के एसवीपी अशरफ एल. दिनरी ने कहा, रेडियो प्रसारकों का मनोरंजन, सूचना और सार्वजनिक सुरक्षा के साथ लोगों और समुदायों को एक साथ लाने का एक समृद्ध इतिहास रहा है। रेडियो अगले कुछ वर्षो में नई सफलताओं और विकास के लिए तैयार है।

एल डिनरी ने आईएएनएस को बताया, इनोवेटिव सेवाएं रेडियो प्रसारकों के लिए अपने स्थानीय समुदायों की बेहतर सेवा करने के नए अवसर पैदा करेंगी।

फीवर एफएम में आरजे सुप्रिया के लिए रेडियो एक इमोशन है।

उन्होंने कहा, एक ऐसी दुनिया में जहां हमारी स्क्रीन हावी हो गई है, रेडियो मन का रंगमंच है जो हमें जीवन की सादगी की याद दिलाता है। आज मैं हर श्रोता, हर साथी सहकर्मी और हर तरह से रेडियो को जादुई बनाने वाले हर कलाकार का जश्न मनाती हूं।

–आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

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