Homeबिजनेस344 रियल एस्टेट/निर्माण कॉर्पोरेट देनदार सीआईआरपी में शामिल : सरकार

344 रियल एस्टेट/निर्माण कॉर्पोरेट देनदार सीआईआरपी में शामिल : सरकार

[ad_1]

नई दिल्ली, 19 दिसंबर (आईएएनएस)। दिल्ली में निर्माण और रियल एस्टेट गतिविधियों में लगे कुल 344 कॉर्पोरेट कर्जदारों को सितंबर 2022 के अंत तक कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) में शामिल किया गया है। संसद में सोमवार को यह जानकारी दी गई।

इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी बोर्ड ऑफ इंडिया (आईबीबीआई) द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, इसमें से 181 सीआईआरपी बंद कर दिए गए हैं और 163 चल रहे हैं।

कॉर्पोरेट मामलों के राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने एक लिखित उत्तर में लोकसभा को बताया कि बंद सीआईआरपी में से 98 को अपील या समीक्षा या निपटान के बाद बंद किया गया है, 34 को वापस ले लिया गया है और 20 मामले समाधान योजनाओं को अनुमोदन मिलने के बाद समाप्त हो गए हैं और 29 परिसमापन के आदेश पर समाप्त किए गए हैं।

उन्होंने कहा कि दिवाला और दिवालियापन संहिता, 2016 विभिन्न प्रक्रियाओं को जल्द से जल्द बंद करने के लिए कहती है। इसके अलावा, यह संहिता घर खरीदारों के साथ वित्तीय लेनदारों जैसा व्यवहार करने के लिए प्रेरित करती है, जिससे चूक करने वाले कॉर्पोरेट देनदारों पर संहिता की धारा 7 लागू किया जा सके और लेनदार अधिकृत प्रतिनिधि के माध्यम से दिवाला समाधान प्रक्रिया में प्रभावी रूप से भाग ले सकें।

मंत्री ने यह भी कहा कि सीआईआरपी को प्रावधानों का दुरुपयोग रोकने के लिए कोड दिया जाता है। जहां लेनदार एक वर्ग से संबंधित हैं, वहां संयुक्त आवेदनों की संख्या 100 से कम नहीं होगी।

उन्होंने कहा, मामलों के समय पर निपटान में एनसीएलटी को सक्षम करने के लिए सरकार समय-समय पर सदस्यों की नियमित नियुक्ति और पर्याप्त भौतिक बुनियादी ढांचे के प्रावधान सहित सभी जरूरी कदम उठा रही है। सरकार ने 2021 में एनसीएलटी में 20 नए सदस्यों की नियुक्ति की है, 2022 में 15 नए सदस्यों की नियुक्ति को मंजूरी दी है और अन्य रिक्तियों को भरने की प्रक्रिया शुरू की है।

आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने सूचित किया है कि घर खरीदारों के हितों की रक्षा करने और रियल एस्टेट क्षेत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए संसद ने रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 (रेरा) को अधिनियमित किया है।

इसके अलावा, रुकी हुई परियोजनाओं के घर खरीदारों को राहत देने के लिए किफायती और मध्य-आय वाले आवास (एसडब्ल्यूएएमआईएच निवेश कोष) को पूरा करने के लिए एक विशेष विंडो बनाई गई है। इन परियोजनाओं को गैर-निष्पादित संपत्ति (एनपीए) के रूप में घोषित किया गया है। इस संबंध में इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड के तहत नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल के समक्ष कार्यवाही फिलहाल लंबित है।

–आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

[ad_2]

एक नजर