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सुराख से ऑक्सीजन, पाइप से खाना,34 घंटों  से उत्तरकाशी की सुरंग में फंसी 40 जानों को बचाने की जंग जारी

उत्तरकाशी:यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में भूस्खलन से 40 मजदूर पिछले 34 घंटे से फंसे हुए हैं जिन्हें बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन सोमवार को दूसरे दिन भी जारी है। सुखद खबर है कि मजदूरों से वॉकी-टॉकी पर बात हुई है जिसमें उन्होंने बताया कि वे सभी सुरक्षित हैं।

मजदूरों ने रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी टीम से खाना मांगा जिस पर उन्हें पाइपलाइन के जरिए चने व ड्राई फूड के पैकेेट भेजे गए हैं। वहीं सुरंग से मलबा हटाने का काम भी लगातार जारी है। बीते रविवार सुबह करीब साढ़े पांच बजे सिलक्यारा सुरंग के मुहाने से करीब 230 मीटर अंदर भारी भूस्खलन हुआ था जिससे सुरंग बंद हो गई थी।

इससे सुरंग की खोदाई में लगे 40 मजदूर वहीं अंदर फंस गए थे। घटना की सूचना के बाद से पुलिस, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, आईटीबीपी के करीब 150 से अधिक जवान राहत एवं बचाव कार्य में लगे हुए हैं।

इसी बीच सुखद खबर है कि सोमवार सुबह सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों से रेस्क्यू टीम ने वॉकी-टॉकी के जरिए बातचीत की जिसमें सभी ने उनके सुरक्षित होने की जानकारी दी है।

इसके साथ ही उन्होंने रेस्क्यू टीम से खाना मांगा। जिस पर रेस्क्यू टीम ने पाइपलाइन के जरिए प्रेशर के माध्यम से चने व ड्राई फूड के पैकेज भेजे हैं। वहीं सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए मलबा हटाने का कार्य जारी है।

रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए मौके पर तैनात सीओ ऑपरेशन प्रशांत कुमार ने बताया कि सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों के पास लाइट, पानी व वॉकी-टॉकी है।दिन में शोर ज्यादा होने के कारण बात नहीं हो पाई। रात में कुछ समय के लिए मशीन रोककर पाइप लाइन से वॉकी-टॉकी के माध्यम से बात हुई है। अब तक मजदूरों से चार से पांच बार बात हो चुकी है।

सिलक्यारा सुरंग 60 मीटर दायरे में भूस्खलन के चलते आए मलबे से बंद है। सीओ प्रशांत कुमार ने बताया कि सोमवार साढ़े दस बजे तक करीब 25 मीटर तक मलबा हटाया गया। लेकिन मलबा गिरना बंद नहीं हो रहा है। मलबे को सीमेंट के जरिए रोककर हटाया जा रहा है। पहले भूर-भूरा से मलबा आ रहा था अब हार्ड चट्टानी मलबा व बोल्डर आ रहे हैं। इसे देखकर लग रहा है कि अब मलबा आना बंद हो सकता है।

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