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शुगर को नियंत्रित रखने के लिए लिवर को डिटॉक्स करना एक रामबाण तरीका है, जो संक्रामक रोगों से भी सुरक्षा प्रदान करता है।

हमारे घरों में कई ऐसी चीजें आसानी से उपलब्ध होती हैं, जिन्हें वर्षों से सेहत को बेहतर बनाए रखने के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है। घरेलू उपायों वाली ऐसी कई चीजों को मेडिकल साइंस ने भी प्रमाणित किया है। नीम की पत्ती ऐसी ही एक अत्यंत फायदेमंद औषधि है जिसे संक्रामक रोगों से बचाव के लिए प्रयोग में लाया जाता रहा है। तमाम अध्ययनों में भी शोधकर्ताओं ने प्रमाणित किया है कि अगर रोजाना नीम की कुछ पत्तियों का सेवन किया जाए तो इससे पूरे शरीर को कई प्रकार से लाभ हो सकता है।

हम अक्सर अपने माता-पिता और दादा-दादी को इन पत्तियों के औषधीय गुणों के बारे में बात करते हुए सुनते आ रहे हैं, पर क्या आप जानते हैं कि यह किस-किस प्रकार से हमारी सेहत के लिए फायदेमंद है?

आइए खाली पेट नीम की पत्तियों के सेवन से जुड़े स्वास्थ्य लाभ के बारे में जानते हैं।

नीम की पत्तियों में कई ऐसे औषधीय गुणों के बारे में पता चलता है जो इसे त्वचा की बीमारियों और संक्रमण को कम करने में कारगर बनाती है। नीम में एंटी-इंफ्लामेटरी, जीवाणुरोधी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो इसे त्वचा की विभिन्न समस्याओं जैसे मुंहासे से राहत दिलाने और त्वचा में इंफ्लामेशन को कम करने के लिए प्रभावी बनाते हैं।

नीम के तेल में त्वचा की लोच और चमक बनाए रखने के लिए एंटी-रिंकल और एंटी-एजिंग प्रभाव वाले आवश्यक फैटी एसिड और विटामिन भी होते हैं।

नीम का एक महत्वपूर्ण चिकित्सीय उपयोग रक्त शोधक के रूप में है। यह फ्री रेडिकल्स को खत्म करने, हार्मोन को नियंत्रित करने और प्रतिरक्षा को बढ़ाकर समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने के लिए भी कारगर पाया गया है। नीम का उपयोग विभिन्न हर्बल फॉर्मूलेशन में रक्त प्रवाह से विषाक्त पदार्थों को हटाने और लिवर को ठीक रखने के लिए भी किया जाता रहा है। नीम बार-बार होने वाले संक्रमण और बीमारियों से लड़ने में मदद कर सकती है।

नीम में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लामेटरी गुण भी होते हैं, जो ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करने में आपके लिए लाभकारी है, इससे लिवर और किडनी के स्वास्थ्य में भी सुधार होता है। लिवर की विषाक्तता को कम करने और इससे संबंधित संक्रमण और बीमारियों के जोखिमों से बचाव के लिए भी नीम की पत्तियों के सेवन को शोधकर्ताओं ने लाभकारी पाया है।

नीम का सेवन करने वाले लोगों में लिवर डैमेज का खतरा भी कम हो सकता है। 

अगर आपका अक्सर ब्लड शुगर बढ़ा हुआ रहता है तो आप नीम के सेवन से लाभ पा सकते हैं। पशुओं पर किए गए अध्ययनों से संकेत मिलता है कि नीम की पत्ती का अर्क मधुमेह की नई दवाओं के लिए एक भी एक नया अवयव हो सकता है। नीम का अर्क उन कोशिकाओं को पुनर्जीवित करने में मददगार पाया गया है जो इंसुलिन का उत्पादन करती हैं। हालांकि मानवों पर इसके अध्ययन का अभाव है।

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