देहरादून: कांग्रेस पार्टी ने उपचुनाव के लिए मंगलौर और बदरीनाथ विधानसभा सीटों पर अपने प्रत्याशियों का चयन कर लिया है। मंगलौर सीट पर पार्टी ने अनुभवी नेता काजी मोहम्मद निजामुद्दीन पर भरोसा जताया है, जबकि बदरीनाथ सीट पर नए चेहरे लखपत बुटोला को मैदान में उतारा गया है। दोनों ही प्रत्याशी लंबे समय से कांग्रेस पार्टी से जुड़े हुए हैं और पार्टी की नीतियों और विचारधारा के प्रति निष्ठावान रहे हैं।
मंगलौर सीट: काजी मोहम्मद निजामुद्दीन
मंगलौर विधानसभा सीट बसपा का गढ़ मानी जाती रही है। राज्य गठन के बाद हुए पांच विधानसभा चुनावों में इस सीट पर चार बार बसपा ने जीत हासिल की है, जबकि एक बार कांग्रेस को विजय मिली है। काजी मोहम्मद निजामुद्दीन ने बसपा के टिकट पर 2002 और 2007 का चुनाव जीता था। 2012 में कांग्रेस में शामिल होने के बाद उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा, लेकिन बसपा प्रत्याशी सरवत करीम अंसारी से हार गए। 2017 में काजी ने कांग्रेस के टिकट पर जीत हासिल की, लेकिन 2022 के चुनाव में वे फिर से सरवत करीम अंसारी से हार गए।
काजी के सामने चुनौतियां
मंगलौर से तीन बार विधायक रहे काजी मोहम्मद निजामुद्दीन की पहचान अल्पसंख्यक वोट बैंक के साथ ही बसपा के वोटरों को अपनी ओर खींचने में रही है। इस उपचुनाव में भी उनके सामने बसपा के वोट बैंक को अपनी ओर खींचने की चुनौती होगी। उनकी रणनीति में बसपा के प्रभाव को कम करना और कांग्रेस के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ाना मुख्य रहेगा।
बदरीनाथ सीट: लखपत बुटोला
बदरीनाथ विधानसभा सीट कांग्रेस की परंपरागत सीट रही है। 2022 के चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर राजेंद्र भंडारी ने जीत हासिल की थी। इस बार कांग्रेस ने लखपत बुटोला पर दांव लगाया है। बुटोला 1997 से पार्टी से जुड़े हैं और क्षेत्र में खासे सक्रिय रहे हैं। उन्होंने 2014 में पोखरी ब्लॉक से जिला पंचायत सदस्य के रूप में काम किया है और वर्तमान में पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता की जिम्मेदारी भी संभाल रहे हैं।
लखपत बुटोला की पकड़
लखपत बुटोला की क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं के बीच मजबूत पकड़ और सक्रियता को देखते हुए पार्टी उन्हें मजबूत प्रत्याशी मान रही है। उनका मुकाबला भाजपा प्रत्याशी राजेंद्र भंडारी से होगा, जो उन्हीं के गांव के रहने वाले हैं। बुटोला की उम्मीदवारी से कांग्रेस को क्षेत्र में एक नई ऊर्जा मिलने की उम्मीद है।
नामांकन की तैयारियां
मंगलौर सीट से कांग्रेस प्रत्याशी काजी मोहम्मद निजामुद्दीन 19 जून को नामांकन करेंगे, जबकि बदरीनाथ सीट से लखपत बुटोला 21 जून को अपना नामांकन दाखिल करेंगे। पार्टी ने दोनों प्रत्याशियों के नामांकन रैली की तैयारियां शुरू कर दी हैं।
कांग्रेस के ये निर्णय आगामी उपचुनाव में पार्टी की स्थिति को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं। पार्टी ने अपने पुराने और नए, दोनों तरह के प्रत्याशियों पर भरोसा जताकर स्पष्ट संदेश दिया है कि वह संगठन के अनुभव और नए ऊर्जा को साथ लेकर चलना चाहती है।
यह लेख कांग्रेस पार्टी द्वारा आगामी उपचुनावों के लिए चुने गए प्रत्याशियों और उनकी रणनीतियों पर केंद्रित है। उम्मीद है कि यह जानकारी पार्टी के समर्थकों और मतदाताओं के लिए उपयोगी सिद्ध होगी।