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सीएम धामी ने दिया आश्वासन उत्तराखण्ड के निगम कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में वृद्धि को किया जाएगा लागू

उत्तराखंड के निगम कर्मचारियों को जनवरी 2024 से महंगाई भत्ते (डीए) में वृद्धि का लाभ मिलने की संभावना है। मुख्यमंत्री ने सचिवालय में राज्य निगम कर्मचारी महासंघ को इस मामले में आश्वस्त किया। उत्तराखंड के निगम कर्मचारियों को जनवरी 2024 से महंगाई भत्ते (डीए) में बढ़ोतरी का फायदा मिलने की उम्मीद है। मुख्यमंत्री ने सचिवालय में राज्य निगम कर्मचारी महासंघ को इस विषय पर भरोसा दिलाया।

सचिवालय में आयोजित बैठक के दौरान, महासंघ अध्यक्ष सूर्यप्रकाश राणाकोटी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की। इस प्रतिनिधिमंडल ने जनवरी 2024 से निगम कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (डीए) में वृद्धि की मांग की, जो अब तक उन्हें प्राप्त नहीं हुआ है। उन्होंने यह भी बताया कि राज्यकर्मियों को पहले से ही इसका लाभ मिल रहा है। इसके अतिरिक्त, प्रतिनिधिमंडल ने निगम और स्वायत्तशासी संस्थाओं के कर्मचारियों के मुद्दों के समाधान के लिए एक अलग सार्वजनिक उद्यम ब्यूरो की स्थापना की भी मांग की।

3 सितंबर को सचिवालय की ओर कूच का ऐलान

संगठन ने संविदा, आउटसोर्स और उपनल कर्मियों के स्थायीकरण, जीएमवीएन में एसीपी, स्टाफिंग पैटर्न का लाभ, जल संस्थान कर्मियों के लिए पेंशन, और रोडवेज में मृतक आश्रितों की नियमित सेवा जैसी कई अन्य समस्याओं को भी उठाया। मुख्यमंत्री धामी ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि निगम कर्मियों को सभी लाभ समय पर प्रदान किए जाएंगे और महंगाई भत्ते का भुगतान जल्द किया जाएगा। उत्तराखंड में दैनिक वेतन, संविदा, पीटीसी, और उपनल कर्मियों के नियमितीकरण की मांग को लेकर राज्य निगम कर्मचारी अधिकारी महासंघ ने 3 सितंबर को सचिवालय की ओर मार्च का ऐलान किया है।

10 वर्षों की सेवा के बावजूद कर्मचारी नियमित नहीं हुए

महासंघ अध्यक्ष दिनेश गोसाईं ने स्पष्ट किया कि 10 वर्षों की सेवा पूरी कर चुके कर्मचारियों को नियमित करने में हो रही देरी को स्वीकार नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया कि उच्च न्यायालय के कई आदेशों के बावजूद इस प्रक्रिया में कोई प्रगति नहीं हुई है। महासंघ ने आंदोलन के तहत अनिश्चितकालीन हड़ताल और कार्य बहिष्कार की भी चेतावनी दी है। इस मार्च में प्रदेश भर के कर्मचारी और विभिन्न संघ, यूनियन, संगठन शामिल होंगे। रैली के दौरान सभी मांगों को प्रमुखता से उठाया जाएगा और अगले चरण के संघर्ष की योजना भी बनाई जाएगी।

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