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704 जिलों में मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में है केंद्र का सहयोग

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नई दिल्ली, 14 दिसंबर (आईएएनएस)। मानसिक विकारों के बोझ को दूर करने के लिए सरकार देश के 704 जिलों में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम (डीएमएचपी) के कार्यान्वयन में सहयोग कर रही है।

केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री भारती प्रवीण पवार ने मंगलवार को राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा, मानसिक बीमारी से जुड़े कलंक को दूर करने और जागरूकता के बारे में चलाए जा रहे कार्यक्रम का उद्देश्य स्कूलों और कॉलेजों में परामर्श के प्रमुख घटकों के साथ मानसिक विकारों या बीमारी का पता लगाना, प्रबंधन करना और उपचार प्रदान करना, कार्य स्थल पर तनाव दूर करना, जीवन कौशल प्रशिक्षण, आत्महत्या रोकथाम सेवाएं और सूचना, शिक्षा और संचार (आईईसी) गतिविधियां हैं।

पवार ने कहा कि आयुष्मान भारत के तहत स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तत्वावधान में, एनसीईआरटी ने प्रशिक्षण और संसाधन सामग्री : स्कूल जाने वाले बच्चों का स्वास्थ्य और कल्याण नामक एक व्यापक पैकेज विकसित किया है।

उन्होंने कहा कि भावनात्मक भलाई और मानसिक स्वास्थ्य पर एक विशिष्ट मॉड्यूल शामिल किया गया है, जिसेी मदद से छात्रों और शिक्षकों के मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण से संबंधित गतिविधियां होती हैं।

मंत्री ने कहा कि स्कूल जाने वाले बच्चों में मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं की प्रारंभिक पहचान और हस्तक्षेप पर मॉड्यूलर हैंडबुक को पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया (पीएचएफआई) के सहयोग से विकसित किया गया है, जिसमें स्कूल में मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं (तनाव/बीमारी) की शुरुआती पहचान और हस्तक्षेप के लिए दिशानिर्देश शामिल हैं।

पवार ने कहा कि इस हैंडबुक को शिक्षा मंत्रालय ने इस साल छह सितंबर को जारी किया था।

शिक्षा मंत्रालय ने मनोदर्पण नाम से एक सक्रिय पहल की है, जिसमें छात्रों, शिक्षकों और परिवारों को मानसिक स्वास्थ्य और भावनात्मक भलाई के लिए मनोवैज्ञानिक सहायता प्रदान करने के लिए गतिविधियों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है।

एनसीईआरटी ने देशभर के स्कूली छात्रों को अपनी चिंताओं को साझा करने में मदद करने के लिए अप्रैल 2020 में स्कूली बच्चों के लिए एनसीईआरटी काउंसलिंग सर्विसेज शुरू की है।

यह सेवा देश के विभिन्न क्षेत्रों में लगभग 270 परामर्शदाताओं द्वारा नि:शुल्क प्रदान की जाती है।

उन्होंने बताया, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) केंद्रीकृत टोल-फ्री हेल्पलाइन के माध्यम से परीक्षा से पहले और बाद में टेली-काउंसलिंग की सुविधा प्रदान करता है।

सरकार ने केंद्रीकृत टोल-फ्री हेल्पलाइन के माध्यम से सभी को मानसिक स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं तक पहुंच प्रदान करने के लिए 10 अक्टूबर, 2022 को राष्ट्रीय टेली मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम (टेली मानस) शुरू किया है।

–आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

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