[ad_1]
भोपाल, 13 मार्च (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी सत्ता में है मगर उसके लिए कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ का गढ़ छिंदवाड़ा अभी भी चुनौती बना हुआ है। लिहाजा पार्टी अब कमलनाथ को छिंदवाड़ा में ही कमजोर करने की कोशिश में जुट गई है।
पार्टी की रणनीति के मुताबिक अब इस इलाके के कार्यकर्ताओं में जोश भरने की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आ रहे हैं।
पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने राज्य की 29 में से 28 सीटों पर जीत दर्ज की थी, मगर छिंदवाड़ा एक ऐसा संसदीय क्षेत्र है जहां भाजपा जीत हासिल नहीं कर पाई। भाजपा को यह बात लगातार सालती है कि आखिर वह छिंदवाड़ा में अस्सी के दशक के बाद सिर्फ एक मौके को छोड़कर लगातार हारती रही है।
छिंदवाड़ा और उसके आसपास का इलाका आदिवासी बाहुल्य है और यहां कॉग्रेस की जड़ें गहरी भी हैं, यह बात भाजपा जानती है। यही कारण है कि पिछले चुनाव में भी भाजपा छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र की सात विधानसभा सीटों में से एक स्थान पर भी जीत हासिल नहीं कर पाई।
भाजपा को वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में सत्ता से बाहर होना पड़ा था, मगर जब कांग्रेस में टूट हुई और भाजपा सत्ता में वापस लौटी तो उसने सारा जोर छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र में अपनी ताकत बढ़ाने में लगा दिया।
छिंदवाड़ा जिले के प्रभारी मंत्री कमल पटेल की लगातार सक्रियता इस इलाके में बनी हुई है, वहीं भाजपा राष्ट्रीय नेतृत्व का भी ध्यान इस इलाके पर है। कुल मिलाकर भाजपा की कोशिश है कि आगामी विधानसभा चुनाव और उसके बाद लोकसभा चुनाव में वह अपनी ताकत को इस इलाके में बढ़ाने में सफल हो।
इसी क्रम में पार्टी के प्रमुख नेताओं में शुमार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 25 मार्च को छिंदवाड़ा आ रहे हैं। वे यहां कार्यकर्ताओं की बैठक लेंगे और रैली में भी शामिल होने वाले हैं। कुल मिलाकर भाजपा कमलनाथ को उनके ही गढ़ छिंदवाड़ा में कमजोर करने की मुहिम में जुट गई है।
–आईएएनएस
एसएनपी/एसकेपी
[ad_2]