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धाम में इस समय भी 2,300 लोग मौजूद 400 लोग पैदल पथ से वापस लौटेंगे आज

गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर अतिवृष्टि के कारण उत्पन्न परिस्थितियों के बीच, पांच दिनों के भीतर शासन और प्रशासन की रेस्क्यू टीम ने 11,775 यात्रियों और स्थानीय लोगों को धाम और पैदल मार्ग से सुरक्षित निकाल लिया है। अब, धाम में 50 श्रद्धालुओं सहित कुल 2,300 लोग मौजूद हैं, जिनमें से 400 लोग मंगलवार को पैदल मार्ग से वापस लौटेंगे। इन लोगों को एसडीआरएफ, एनडीआरएफ के जवानों और हेलीकॉप्टर की सहायता से रेस्क्यू किया जाएगा।

इसके बाद, केदारपुरी में बेस कैंप से मंदिर क्षेत्र तक 1,900 लोग रहेंगे, जिनमें बीकेटीसी स्टाफ, तीर्थपुरोहित, हक-हकूकधारी, जीएमवीएन स्टाफ, सुरक्षा कर्मी और मजदूर शामिल हैं। कोरोनाकाल के बाद यह दूसरा मौका होगा जब मंगलवार से बाबा केदार की पूजा-अर्चना बिना दर्शनार्थियों के की जाएगी।

10 मई से प्रारंभ हुई केदारनाथ यात्रा में 31 जुलाई तक 10 लाख 91 हजार 316 श्रद्धालु बाबा केदार के दर्शन कर चुके थे। इसी दिन देर शाम को गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर भीमबली से लिनचोली के बीच अतिवृष्टि के कारण व्यापक नुकसान हुआ था, जिससे हजारों यात्री पैदल मार्ग पर कई जगहों पर फंस गए थे। इसके साथ ही, एक अगस्त से पैदल और हवाई यात्रा भी ठप हो गई थी।

शासन और प्रशासन ने पैदल मार्ग और केदारनाथ में फंसे यात्रियों और स्थानीय लोगों के लिए विशेष रेस्क्यू अभियान चलाया, जिसमें पांच दिनों के भीतर 11,775 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया। इन यात्रियों में से 3,347 को हेलिकॉप्टर के माध्यम से, 7,597 को पैदल मार्ग से और 708 को भीमबली-लिनचोली-चौमासी मार्ग से रेस्क्यू किया गया।

इस अभियान में एक महत्वपूर्ण पहलू यह रहा कि भारत सरकार ने रेस्क्यू के लिए सेना के एमआई-17 और चिनूक हेलिकॉप्टर भेजे, साथ ही अन्य आवश्यक सहायता भी प्रदान की।

शासन के अनुसार, सोमवार को केदारनाथ पैदल मार्ग का रेस्क्यू पूरा कर लिया गया है। मंगलवार से क्षतिग्रस्त परिसंपत्तियों की मरम्मत का काम शुरू किया जाएगा। वहीं, बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के सीईओ योगेंद्र सिंह ने जानकारी दी कि जो 50 यात्री धाम में रुके हैं, वे अपनी स्वेच्छा से वहां ठहरे हैं।

मंगलवार को इन यात्रियों के साथ ही 400 लोग पैदल मार्ग से वापस लौट जाएंगे। इसके बाद, केदारपुरी में पैदल मार्ग से यात्रा शुरू होने तक 1,900 लोग ही रहेंगे, जिनमें बेस कैंप से केदारनाथ मंदिर क्षेत्र तक चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों में शामिल 700 से अधिक मजदूर भी शामिल हैं।

 

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