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देव संस्कृति विवि समेत 45 बीएड कॉलेजों को मानक अधूरे , एक की मान्यता खत्म, 32 को पहला नोटिस दिया

प्रदेश में कुल 45 कॉलेजों को ये कारण बताओ नोटिस जारी हुए हैं। इनका जवाब न देने पर एनसीटीई मान्यता खत्म कर सकता है। गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय व देव संस्कृति विवि को भी एनसीटीई ने 15 दिन का पहला कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

उत्तराखंड के गढ़वाल विश्वविद्यालय, देव संस्कृति विवि समेत 45 बीएड कॉलेजों को मानक अधूरे होने के चलते राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। वहीं, नैनीताल जिले के एक बीएड कॉलेज की अगले सत्र की मान्यता समाप्त कर दी है।

दरअसल, एनसीटीई ने कॉलेजों से अपनी नियमावली के मुताबिक सभी जानकारियां मांगी थीं। इनमें कॉलेज के इंफ्रास्ट्रक्चर, जमीन, एफडी से लेकर छात्रों की संख्या, शिक्षकों का वेतन आदि भी शामिल है। उत्तराखंड के बीएड, बीपीएड कराने वाले कॉलेजों ने इसमें काफी लापरवाही बरती है।

नतीजतन परिषद ने एनसीटीई एक्ट 1993 के सेक्शन-17 के तहत इन सभी कॉलेजों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय व देव संस्कृति विवि को भी एनसीटीई ने 15 दिन का पहला कारण बताओ नोटिस जारी किया है। प्रदेश में कुल 45 कॉलेजों को ये कारण बताओ नोटिस जारी हुए हैं। इनका जवाब न देने पर एनसीटीई मान्यता खत्म कर सकता है।

नैनीताल के इस कॉलेज की मान्यता खत्म

नैनीताल जिले के काठगोदाम स्थित इंस्पिरेशन कॉलेज ऑफ टीचर्स एजुकेशन की अगले सत्र की बीएड की मान्यता एनसीटीई ने खत्म कर दी है। अगले साल यहां बीएड के दाखिले नहीं हो पाएंगे। कॉलेज ने विवि की ओर से एप्रूव्ड फैकल्टी का पत्र, ओरिजनल एफडीआर, कंपोजिट संस्थान होने के प्रमाण, शिक्षकों व कर्मचारियों को जारी वेतन के प्रमाण एनसीटीई को उपलब्ध नहीं कराए हैं। इस कॉलेज को पहले 15 दिन का कारण बताओ नोटिस दिया गया था। इसके बाद जवाब न आने पर सात दिन का अंतिम नोटिस दिया गया। अब एनसीटीई ने एक्ट के सेक्शन-17 के तहत कॉलेज की सत्र 2024-25 की मान्यता खत्म कर दी है।

13 कॉलेजों को जारी हुए अंतिम नोटिस

एनसीटीई की ओर से राज्य के 13 बीएड कॉलेजों को सात दिन की अवधि के अंतिम कारण बताओ नोटिस जारी हुए हैं। अगर इन कॉलेजों ने समय से जवाब न दिया और उनके जवाब से एनसीटीई के अधिकारी संतुष्ट न हुए तो इन सभी की मान्यता एनसीटीई की अगली बैठक में खत्म हो सकती है। वहीं 32 बीएड कॉलेजों को पहला कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

गढ़वाल विवि में ये सामने आईं कमियां

गढ़वाल विवि ने अभी तक एनसीटीई के सामने उस बिल्डिंग से संबंधित जानकारी नहीं दी है, जिसमें बीएड पढ़ाया जाता है। मसलन, जमीन के दस्तावेज, बिल्डिंग का ब्लू प्रिंट, लैंड यूज सर्टिफिकेट, साइट प्लान, फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट, विशेष आवश्यकता वालों के लिए सुलभ इमारत होने का प्रमाण पत्र, वर्तमान फैकल्टी की सूची, वेतन आदि की जानकारी।

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