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ईपीएस को पार्टी महासचिव के रूप में मान्यता के खिलाफ खटखटाया चुनाव आयोग का दरवाजा

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चेन्नई, 3 अप्रैल (आईएएनएस)। एडप्पादी के. पलानीस्वामी (ईपीएस) खेमे का विरोध करने वाले एआईएडीएमके के एक पूर्व नेता ने भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) को एक पत्र भेजा है, जिसमें कहा गया है कि पार्टी के संविधान में किए गए संशोधन और महासचिव के रूप में चुने गए ईपीएस स्वीकार नहीं हैं।

तमिलनाडु के थूथुकुडी के एक वकील बी. रामकुमार आदित्यन ने सोमवार को ईसीआई को अपनी याचिका में कहा कि पार्टी के संस्थापक एम.जी. रामचंद्रन, द्वारा बनाए गए नियमों के हिसाब से महासचिव पद का चुनाव नहीं हुआ। यहा चुनाव पार्टी के उपनियमों के खिलाफ था।

उन्होंने खुद को पार्टी के महासचिव के रूप में स्थापित करने के पलानीस्वामी के कदम को रोकने के लिए याचिका दायर की।

पलानीस्वामी (ईपीएस) और उनकी कानूनी टीम मद्रास उच्च न्यायालय द्वारा 11 जुलाई, 2022 की आम परिषद की बैठक के खिलाफ पार्टी के अपदस्थ समन्वयक ओ पनीरसेल्वम (ओपीएस) द्वारा प्रस्तुत याचिका को खारिज करने के बाद भारत के चुनाव आयोग के दरवाजे पर है।

चुनाव आयोग को याचिका में आदित्यन ने कहा कि पलानीस्वामी और उनके सहयोगी अपने एजेंडे के अनुरूप उपनियमों में संशोधन लाकर पार्टी को हाईजैक करने की कोशिश कर रहे हैं।

वादी ने ईसीआई से ईपीएस को एआईएडीएमके के महासचिव के रूप में कार्य करने से रोकने और चुनाव चिह्न् (आरक्षण और आवंटन) आदेश 1968 के प्रावधानों के अनुसार फॉर्म ए और बी पर हस्ताक्षर करने से रोकने का आग्रह किया।

आदित्यन ने ईसीआई से पलानीस्वामी (ईपीएस) को किसी को सदस्यता कार्ड जारी करने से रोकने का भी अनुरोध किया।

–आईएएनएस

सीबीटी

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