वॉशिंगटन, 6 दिसंबर (आईएएनएस)। अफ्रीकी-अमेरिकी सिंगर और लंबे समय से भारत की प्रशंसक मैरी मिलबेन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आज की भू-राजनीति में सबसे प्रभावशाली और सबसे महत्वपूर्ण नेता बताया है। उन्होंने कहा कि नई दिल्ली में इस हफ्ते हुई प्रधानमंत्री मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की बैठक ने भारत की वैश्विक स्थिति को ज्यादा मजबूत किया है।
आईएएनएस को दिए खास इंटरव्यू में मिलबेन ने कहा कि मोदी-पुतिन वार्ता दोनों देशों के बीच गहरी साझेदारी और लंबे समय से चले आ रहे भरोसे को दर्शाती है। उनके मुताबिक, “प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन की यह मुलाकात बेहद सफल रही। यह निश्चित रूप से भारत और रूस के बीच एक बहुत गहरी गठबंधन की तस्वीर पेश करती है, ठीक वैसे ही जैसे अमेरिका और भारत के बीच मजबूत रिश्ते हैं।
मिलबेन ने प्रधानमंत्री मोदी की कूटनीतिक शैली की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि ऊर्जा, रक्षा और आर्थिक सहयोग जैसे संवेदनशील मामलों पर पीएम मोदी ने बेहद संतुलन और रणनीतिक सूझबूझ दिखाई।
वहीं, उन्होंने यह भी कहा कि पुतिन की प्राथमिकता तेल और रक्षा सहयोग को आगे बढ़ाना था, जबकि मोदी ने हर मुद्दे पर भारत के हित को केंद्र में रखकर संवाद किया।
मिलबेन ने साफ कहा, “प्रधानमंत्री वह करेंगे जो भारत के हित में सबसे अच्छा होगा। हर नेता अपने देश के लिए वही करता है।”
इंटरव्यू में मिलबेन कई बार इस बात पर जोर देती रहीं कि प्रधानमंत्री मोदी की वैश्विक प्रतिष्ठा आज सबसे ऊंचे स्तर पर है।
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी इस समय दुनिया के भू-राजनीतिक परिदृश्य के सबसे महत्वपूर्ण और सबसे प्रभावशाली नेता हैं। यह तथ्य है, इसे नकारा नहीं जा सकता। पीएम मोदी ने भारत को और खुद को वैश्विक राजनीति के केंद्र में पहुंचा दिया है।”
मैरी मिलबेन (जो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनकी टीम से करीबी संबंध रखती हैं) ने ट्रंप प्रशासन की हालिया इंडिया नीति की कड़ी आलोचना की।
उन्होंने कहा, “भारत के साथ व्यापार को लेकर अमेरिकी रुख बहुत ज्यादा आक्रामक था। कई बार यह रुख दबाव डालने जैसा दिखाई दिया।”
मिलबेन ने कहा, “भारत हमारा मित्र है। सबसे मजबूत लोकतांत्रिक साझेदार है। दोस्तों के साथ बातचीत में असहमति हो सकती है, लेकिन संबंधों को नुकसान पहुंचाए बिना।”
उनके अनुसार, अमेरिका की अनावश्यक आक्रामकता की वजह से कई बड़े वैश्विक खिलाड़ी अपने विकल्प तलाशने लगे, जिसका असर भारत-रूस और भारत-चीन की डिप्लोमेसी में भी दिखा।
मिलबेन ने सीधे सुझाव दिया कि ट्रंप को इस मुलाकात को नई दृष्टि से देखना चाहिए। उन्होंने कहा, “मेरी सलाह है कि प्रधानमंत्री मोदी को अमेरिका आमंत्रित करें। बैठकर बातचीत करें, डिनर करें, माफी मांगें और रिश्तों की मरम्मत करें।”
उनका मानना है कि ऐसा कदम अमेरिका के लिए भी फायदेमंद होगा, खासकर अगर वह रूस-यूक्रेन शांति प्रयासों में आगे बढ़ना चाहता है।
मिलबेन ने कहा, “दुनिया में अगर कोई नेता रूस-यूक्रेन में मध्यस्थ बन सकता है, तो वह सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी हैं।”
इंटरव्यू में मिलबेन ने कहा कि दुनिया भर के नेता इस साल अमेरिकी चुनावों पर करीबी नजर रखे हुए हैं।
उन्होंने कहा, “दुनिया जानती है कि अमेरिका में चुनाव का मौसम कैसा होता है।”
मिलबेन ने कहा कि उन्हें दोनों नेताओं पर पूरा भरोसा है और दोनों एक-दूसरे को समझते हैं। मैं सच में मानती हूं कि प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप दोस्त हैं और बहुत समय से हैं। नई दिल्ली में मोदी की हालिया कूटनीति उनके वैश्विक कद को और मजबूत साबित करती है। उनकी नेतृत्व क्षमता पूरी तरह सामने आई है। मैं उनकी सराहना करती हूं।
नई दिल्ली में हुआ मोदी-पुतिन शिखर सम्मेलन भारत और रूस के बीच उच्चस्तरीय संवाद का नया दौर माना जा रहा है। दोनों देशों की साझेदारी का विस्तार रक्षा, ऊर्जा, स्पेस और परमाणु क्षेत्र तक है।
भारत शुरू से ही रूस और यूक्रेन दोनों से संवाद बनाए हुए हैं, जिससे वह दुनिया के कुछ गिने-चुने देशों में शामिल है, जिनके संबंध दोनों पक्षों से अच्छे हैं।
मैरी मिलबेन आज भारत-अमेरिका संबंधों की एक अनौपचारिक सांस्कृतिक राजदूत मानी जाती हैं। उन्होंने ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर अक्सर पीएम मोदी की लीडरशिप की तारीफ की है।
–आईएएनएस
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