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इंडो-पैसिफिक में स्थिरता और विकास के लिए भारत-इंडोनेशिया की रणनीतिक साझेदारी मजबूत


नई दिल्ली, 4 दिसंबर (आईएएनएस)। भारत और इंडोनेशिया के बीच द्विपक्षीय संबंध वर्षों पुराना है। दोनों देशों के बीच भौगोलिक निकटता के साथ ही सांस्कृतिक विरासत, समुद्री सुरक्षा और मजबूत आर्थिक साझेदारी भी है। आज के दौर में जब वैश्विक व्यवस्था तेजी से बदल रही है, तो दोनों देश इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में स्थिरता और विकास के लिए रणनीतिक सहयोग के साथ आगे बढ़ रहे हैं। भारत-इंडोनेशिया के बीच सांस्कृतिक जुड़ाव भी है, जो दोनों देशों के बीच के संबंध को न केवल स्थिर बल्कि मजबूत और गहरा भी बनाता है।


इस्लामिक देश होने के बाद भी इंडोनेशिया को भारत से जोड़ने वाली एक कड़ी सनातन धर्म भी है। इंडोनेशिया के सांस्कृतिक और धार्मिक संरचना में रामायण और महाभारत गहराई से बसे हुए हैं। बाली और जावा द्वीपों में हिंदू और बौद्ध संस्कृति की समृद्ध विरासत देखने को मिलती है।

इंडोनेशिया का राष्ट्रीय प्रतीक ‘गरुड़’ है, और भारत के धार्मिक ग्रंथ और पुराणों में गरुड़ का खास महत्व है। सनातन धर्म के अनुसार गरुड़ भगवान विष्णु का वाहन है, जो काफी शक्तिशाली होता है। विष्णु के वाहन गरुड़ पर पुराण तक लिखा जा चुका है, जिसे गरुड़ पुराण कहा जाता है। गरुड़पुराण में भगवान विष्णु की भक्ति, ज्ञान, कर्म, वैराग्य, और मृत्यु के बाद आत्मा की यात्रा के बारे में बताया गया है।

भारत और इंडोनेशिया के बीच ये धार्मिक और सांस्कृतिक संबंध ही आर्थिक और राजनीतिक संबंधों का आधार हैं। हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में दोनों देशों के बीच स्थिरता को और मजबूती मिल रही है। दोनों देश समुद्र में अपनी ताकत बढ़ाने के लिए नौसैनिक अभ्यास और समुद्री निगरानी में सहयोग बढ़ा रहे हैं। समुद्र सुरक्षा में दोनों देशों का सहयोग बेहद अहम माना जा रहा है। खासतौर से भारत को सबांग पोर्ट (अंडमान-निकोबार के पास) तक पहुंच मिली है।

दरअसल, हिंद महासागर में चीन अपनी उपस्थिति बढ़ा रहा है, जो भारत के लिए चिंता का विषय बन रहा है। चीन की गतिविधियों को देखते हुए यह बहुत जरूरी है। ऐसे में भारत और इंडोनेशिया के बीच होने वाले सैन्य अभ्यास स्थिति को नियंत्रित रखने में कारगर साबित हो रहे हैं।

भारत और इंडोनेशिया के बीच गरुड़ शक्ति सेना और समुद्र शक्ति नौसेना के जरिए रक्षा सहयोग जारी है। इंडोनेशिया भारत से ब्रह्मोस मिसाइल भी खरीदना चाहता है। इसे लेकर दोनों देशों के बीच बातचीत चल रही है। इंडोनेशिया ने भारत से 45 करोड़ डॉलर में मिसाइल खरीदने की इच्छा जाहिर की है।

1950 में भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और इंडोनेशिया के पहले राष्ट्रपति सुकर्णो ने मिलकर गुट निरपेक्ष आंदोलन/नॉन-अलाइंड मूवमेंट (एनएएम) में राजनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाया। शीत युद्ध के दौरान भी भारत और इंडोनेशिया ने क्षेत्रीय हितों के आधार पर आपसी सहयोग किया। दोनों देश कई अंतराष्ट्रीय मंचों को एकसाथ साझा कर रहे हैं।

भारत और इंडोनेशिया के बीच व्यापारिक संबंध भी तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। इंडोनेशिया दक्षिण-पूर्व एशिया में भारत के लिए पर्यटन और निवेश का बड़ा बाजार बन चुका है। हर साल लाखों भारतीय पर्यटक इंडोनेशिया घूमने जाते हैं। भारतीय पर्यटकों की पहली पसंद बाली है। इंडोनेशिया और भारत के बीच द्विपक्षीय व्यापार वित्त वर्ष 2023-24 में 29.4 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया।

हाल ही में भारत और इंडोनेशिया ने हिंद महासागर रिम एसोसिएशन जैसे बहुपक्षीय ढांचों के माध्यम से सहयोग बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की है। दोनों देशों ने समुद्री क्षेत्र जागरूकता, साइबर सुगमता और संयुक्त परिचालन तत्परता में व्यावहारिक सहयोग बढ़ाने के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त की।

–आईएएनएस

केके/डीएससी

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