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कोलकाता, 10 मार्च (आईएएनएस)। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को ग्रुप सी श्रेणी के 842 गैर-शिक्षण कर्मचारियों की सेवाओं को समाप्त करने का आदेश दिया, जिन्हें कथित तौर पर पश्चिम बंगाल के विभिन्न सरकारी स्कूलों में अवैध रूप से नियुक्तियां प्रदान की गई थीं।
कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय की एकल-न्यायाधीश पीठ ने पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) और पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (डब्ल्यूबीबीएसई) को शनिवार दोपहर 12 बजे तक इस संबंध में अनुशंसा पत्र रद्द करने और सेवाओं की समाप्ति पर अलग-अलग अधिसूचना जारी करने का निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने आयोग और बोर्ड को यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया कि अब से इन ग्रुप सी के कर्मचारियों को कोई वेतन नहीं दिया जाएगा। शुक्रवार को न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय का आदेश डब्ल्यूबीएसएससी द्वारा अदालत में यह बताने के बाद आया कि इन 842 ग्रुप सी कर्मचारियों में से 785 ने ऑप्टिकल मार्क रिकग्निशन शीट के साथ छेड़छाड़ करके नियुक्तियां हासिल कीं, जबकि शेष 57 को आयोग की वैध सिफारिशों के बिना नियुक्तियां मिलीं।
आदेश पारित करते हुए, न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने कहा कि न तो आयोग और न ही राज्य शिक्षा विभाग इतने बड़े पैमाने पर भर्ती भ्रष्टाचार की जिम्मेदारी लेने से बच सकता है। उन्होंने कहा, इस भ्रष्टाचार का फायदा आयोग और राज्य शिक्षा विभाग के कुछ प्रभावशाली लोगों के पास गया है।
उन्होंने आयोग को रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया अगले 10 दिनों के भीतर शुरू करने के भी निर्देश दिये।
–आईएएनएस
केसी/एएनएम
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