देहरादून : उत्तराखंड में जंगलों को अतिक्रमण से बचाने के लिए अब दीवारें बनाई जाएंगी। देहरादून वन प्रभाग ने इस परियोजना के तहत विभिन्न रेंज में सुरक्षा दीवारों का निर्माण करने का फैसला किया है, जिसकी कुल लागत लगभग दो करोड़ रुपये आएगी। यह कार्य दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा। दीवारों का निर्माण मल्हान, झाझरा, आशारोडी, थानो और लच्छीवाला में किया जाएगा।
पिछले वर्ष, राज्य भर में वन भूमि से अतिक्रमण हटाने के लिए एक व्यापक अभियान चलाया गया था, जिसके दौरान बड़ी संख्या में अवैध अतिक्रमणों को चिन्हित कर ध्वस्त किया गया। हालांकि, रिहायशी इलाकों के पास स्थित वन क्षेत्रों में अतिक्रमण की संभावना बनी रहती है, जिसे देखते हुए वन विभाग अब सुरक्षा दीवारों का निर्माण कर रहा है।
क्या है दीवार निर्माण का पूरा प्लान?
देहरादून वन प्रभाग द्वारा दीवार निर्माण की योजना विभिन्न रेंज में बनाई गई है। इन रेंजों में दीवार बनाने के लिए टेंडर निकाल दिए गए हैं, और यह परियोजना अगले एक महीने में शुरू की जाएगी।
- मल्हान रेंज: इस रेंज में दीवार निर्माण के लिए 37 लाख रुपये का बजट तय किया गया है। इसमें कल्याणपुर कक्ष संख्या 2, कालूवाला कक्ष संख्या 2A और कारबारी कक्ष संख्या 1B शामिल हैं।
- झाझरा रेंज: इस रेंज में दीवार निर्माण पर 32 लाख रुपये खर्च होंगे। कंडोली कक्ष संख्या 11 और 13 और झाझरा कक्ष संख्या 1 में यह कार्य किया जाएगा।
- आशारोडी रेंज: इस रेंज में कुल 70 लाख रुपये की लागत से दीवारों का निर्माण होगा, जिसमें आरकेडिया कक्ष संख्या 3, कारबारी कक्ष संख्या 3 और 5, और कड़वापानी पौधालय के अंदर मुख्य बटिया पर इंटरलॉकिंग कार्य भी शामिल है।
- थानो रेंज: थानो कक्ष संख्या 2, गुंदियालावाला गांव की सीमा, भोपालपानी कक्ष संख्या 4 और बड़ासी गांव की सीमा पर अतिक्रमण रोकने के लिए 44 लाख रुपये की लागत से दीवार बनाई जाएगी।
- लच्छीवाला रेंज: यहां 16 लाख रुपये की लागत से दीवारों का निर्माण किया जाएगा, जो लच्छीवाला कक्ष संख्या 2 में अतिक्रमण रोकने के लिए बनाई जाएगी।
क्या है अतिक्रमण हटाने का वर्तमान स्थिति?
वन भूमि से अतिक्रमण हटाने का अभियान पिछले एक साल में काफी प्रभावी रहा था, और इस दौरान अवैध धार्मिक स्थलों को भी हटाया गया। हालांकि, मानसून के कारण और कुछ कोर्ट केस के चलते अभियान कुछ महीनों तक रुक गया था। अब, इस अभियान की समीक्षा की गई है और शेष अतिक्रमण को भी हटाने की योजना बनाई गई है।
आगे की योजना
सभी डीएफओ (वन संरक्षक) से उनके डिवीजन में चल रहे अतिक्रमण मामलों का विवरण मांगा गया है, ताकि इन्हें जल्द निपटाकर अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई को पूरा किया जा सके। साथ ही, अतिक्रमण मुक्त किए गए क्षेत्रों में सुरक्षा दीवारों का निर्माण करने की भी योजना बनाई गई है।
यह कदम उत्तराखंड के वन क्षेत्रों की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है, जो न केवल वन्यजीवों को सुरक्षा प्रदान करेगा बल्कि आसपास के गांवों में मानव-वन्यजीव संघर्ष को भी कम करेगा।