देहरादून, किरनकांत शर्मा: उत्तराखंड सरकार ने 19 जून की रात को अचानक से 31 आईएएस और 24 पीसीएस अधिकारियों के ताबड़तोड़ तबादले किये. इतनी बड़ी संख्या में हुए तबादलों से कई तरह के सवाल खड़े हुए. इन तबादलों की टाइमिंग के साथ ही सीनियर अधिकारियों को इधर-उधर करने पर हर कोई हैरान है.
बीते रोज हुये तबादलों में सचिन कुर्वे और सोनिका को हटाया गया है. इसमें सोनिका सिंह यूकाडा की सीईओ की जिम्मेदारी देख रही थी. वहीं, सचिन कुर्वे पर्यटन और धर्मस्व और नागरिक उड्डयन विभाग देख रहे थे. बीते महीने जब अधिकारियों के तबादले हुए थे तब भी यह अंदेशा जताया जा रहा था कि पर्यटन सचिव बदले जा सकते हैं, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
तबादलों पर वरिष्ठ पत्रकार नरेंद्र सेठी कहते हैं देर रात जो तबादले हुए उसमें कई नाम ऐसे थे जिनका तबादला होना लाजिमी थाय उन्होंने कहा जिस तरह से पर्यटन सचिव को हटाया गया है वह यह बताता है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के पास नीचे तक का फीडबैक पहुंच रहा था. पर्यटन सचिव होने के नाते सचिन कुर्वे की सक्रियता उस तरह से यात्रा के दौरान नहीं दिख रही थी. ऊपर से घटनाओं और जानकारी के लिए तमाम पत्रकार जब उन्हें फोन करते तो न के बराबर ही वो उपलब्ध रहते थे. यह बात मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सामने हमेशा से प्रेस कांफ्रेंस के दौरान या अन्य कार्यक्रमों में पहुंचती रही. शायद यही कारण रहा कि चारधाम यात्रा के दौरान नए अधिकारी को पर्यटन जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी है.तबादलों के बाद धीरज सिंह गबर्याल को पर्यटन की जिम्मेदारी दी गई है.
बीजेपी नेता ने भी कसा तंज: ऐसा बहुत बहुत कम होता है जब जब किसी अधिकारी के ट्रांसफर पर राजनेताओं की प्रतिक्रिया सामने आती है. सचिन कुर्वे के ट्रांसफर पर बदरी केदार मंदिर समिति रे पूर्व अध्यक्ष आजेंद्र अजय ने भी सोशल मीडिया पर किया है. उन्होंने सचिव पर्यटन एवं धर्म के पद पर परिवर्तन को सुखद बताया है. इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को बधाई दी है.
सोनिका सिंह को कुंभ की जिम्मेदारी वजह : इसके साथ ही नरेंद्र सेठी का मानना है कि राज्य में लगातार हेलीकॉप्टर हादसे हो रहे थे. इस विभाग को सोनिका मैनेज नहीं कर पा रही थी. इसके साथ ही सोनिका को हरिद्वार कुंभ की जिम्मेदारी भी दी गई है. ऐसे में सरकार को भी लगा कि अगर उन्हें आने वाले कुंभ मेले जैसी बड़ी जिम्मेदारी दी गई है तो राज्य में हेलीकॉप्टर जैसी सुविधाओं की निगरानी या व्यवस्था के लिए किसी और अधिकारी की तैनाती बेहद जरूरी है. शायद यही कारण है कि सोनिका को हटाकर अब यह जिम्मेदारी आशीष चौहान को दी गई है.
चारधाम यात्रा के जिलों के डीएम भी बदले: इसके साथ ही तबादलों में रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जैसे जिलों के डीएम बदलना भी कई तरह के सवाल खड़े कर रहा है. जानकार मानते हैं की अव्यवस्थाओं का अंबार रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जैसे दो महत्वपूर्ण जिलों में तबादले का प्रमुख कारण रहा. चारधाम यात्रा के दौरान सरकार नहीं चाहती कि इसमें किसी तरह की अनियमितताएं हो, जिसकी फलस्वरूप ये तबादले देखने को मिले हैं.
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