नैनीताल: उत्तराखंड के रामनगर में कांग्रेस कार्यालय को खाली कराने का मामला उत्तराखंड हाईकोर्ट पहुंच गया है. इस मामले में उप जिलाधिकारी की कार्रवाई के खिलाफ उत्तराखंड हाईकोर्ट ने जनहित याचिका दायर की गई थी, जिस पर शुक्रवार चार जुलाई को कोर्ट ने सुनवाई की. इस मामले में कोर्ट ने सरकार व पालिका परिषद रामनगर को आदेश भी दिया.
दरअसल, उत्तराखंड हाईकोर्ट ने रामनगर में कांग्रेस कार्यालय को खाली कर उप जिलाधिकारी द्वारा उसे नीरज अग्रवाल को कब्जा दिए जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका की सुनवाई की. कोर्ट ने सुनवाई करते हुए सरकार व पालिका परिषद रामनगर को निर्देश दिए हैं कि वे नीरज अग्रवाल को नोटिस देकर भवन को कब्जा मुक्त कराएं. याचिका की सुनवाई वरिष्ठ न्यायधीश मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ में हुई.
मामले के अनुसार ज्योलीकोट निवासी प्रेम बिष्ट ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. अपनी याचिका में उन्होंने कहा था कि उप जिलाधिकारी रामनगर ने बिना विधिक प्रक्रिया अपनाए कांग्रेस कार्यालय को खाली कराया और फिर उस भवन को नीरज अग्रवाल को सौंप दिया.
याचिकाकर्ता ने उप जिलाधिकारी रामनगर की इस कार्रवाई का विरोध करते हुए अपना तर्क दिया. याचिकाकर्ता के अनुसार नीरज अग्रवाल के नाम हुई 90 साल की लीज पूर्व में ही समाप्त हो गई थी. इस प्रकार इस सम्पत्ति की मालिक सरकार व नगर पालिका रामनगर है. इसलिये रामनगर नगर पालिका इस भवन को खाली कराने के लिये नीरज अग्रवाल को नोटिस जारी करे.
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