देहरादून: उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का एक विशेषज्ञ दल हिमाचल प्रदेश में अतिवृष्टि के चलते उत्पन्न स्थितियों और उससे निपटने को लेकर किए जा रहे प्रयासों का अध्ययन करेगा. जिसके लिए दल जल्द ही रवाना होगा. जो हिमाचल जाकर शासन-प्रशासन की ओर किए जा रहे कार्यों को देखेगा, फिर उनका अध्ययन करेगा. इसकी जानकारी उत्तराखंड आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने दी है.
बता दें कि 8 जुलाई को देहरादून की आईटी पार्क स्थित यूएसडीएमए के आपदा कंट्रोल रूम में अचानक आपदा प्रबंधन के ऑपरेशन का औचक निरीक्षण करने के लिए मुख्य सचिव आनंद वर्धन पहुंचे थे. जहां उन्होंने प्रदेश में हो रही बारिश से पैदा हुई परिस्थितियों का जायजा लिया और अधिकारियों के साथ उसकी समीक्षा की.
हिमाचल के अनुभवों के आधार पर प्रभावी रणनीति बनाने पर जोर: समीक्षा के दौरान मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने कहा कि उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश न सिर्फ पड़ोसी राज्य हैं, बल्कि दोनों प्रदेशों की भौगोलिक परिस्थितियां भी एक जैसी हैं. इस साल हिमाचल प्रदेश में बारिश से काफी नुकसान हुआ है.
इन स्थितियों से निपटने के लिए हिमाचल प्रदेश में किस प्रकार आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में क्या कार्य किया जा रहा है? शासन-प्रशासन की ओर से किस तरह इन स्थितियों में प्रतिक्रिया की जा रही है, इसे जानने और समझने की आवश्यकता है. ताकि, अगर ऐसे ही हालात उत्तराखंड में भी हों तो हिमाचल के अनुभवों के आधार पर एक प्रभावी रणनीति बनाई जा सके.
आपदा कंट्रोल रूम का औचक निरीक्षण (फोटो- ETV Bharat)
मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने वर्तमान में प्रदेश में मानसून की स्थिति, आने वाले दिनों में मौसम का पूर्वानुमान, अब तक हुई बारिश और प्रदेश भर में भूस्खलन के चलते बंद सड़कों की समीक्षा की. उन्होंने निर्देश दिए कि बंद सड़कों को जल्द से जल्द खोलने की कार्रवाई सुनिश्चित की जाए.
इसके अलावा भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में सभी आवश्यक संसाधन और उपकरण तैनात किए जाएं. ये सुनिश्चित किया जाए की 15 मिनट के भीतर जेसीबी समेत अन्य सभी आवश्यक उपकरण घटनास्थल पर पहुंच जाएं. उन्होंने ग्रामीण सड़कों को भी तत्परता के साथ खोलने के निर्देश दिए.
देहरादून और चमोली में जल भराव की घटनाएं: ईटीवी से बातचीत करते हुए सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन ने बताया कि देहरादून, नैनीताल और बागेश्वर में मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. इसके अलावा बीते रोज चमोली और देहरादून में हुई जलभराव की घटना को लेकर के भी सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन ने जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि अभी तक प्रदेशभर में 317.1 मिमी बारिश हुई है. सबसे ज्यादा बागेश्वर में 765.5, चमोली में 428.2, रुद्रप्रयाग 388.8 और देहरादून 380.4 मिमी बारिश हो चुकी है. चमोली में तीन गांव के तकरीबन 15 घरों में भारी बारिश के चलते पानी घुस गया था. जिससे वहां पर पर अफरा तफरी का माहौल बन गया था.
घटना में एक गौशाला और घराट क्षतिग्रस्त होने की सूचना है. उन्होंने बताया कि जैसे ही जिला प्रशासन को सूचना मिली तत्काल रेस्क्यू अभियान चलाया गया और फिलहाल अभी हालात सामान्य है. वहीं, देहरादून के कारगी ग्रांट में बीती रात हुई जलभराव की घटना को लेकर भी उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन की ओर से मौके पर राहत और बचाव के कार्य किए जा रहे हैं.
दोनों घटनाओं में क्षति का आकलन करते हुए राहत राशि को भी आवंटित की जाएगी. देहरादून में सिविल लाइन के निर्माण की वजह से बढ़ रही जलभराव को लेकर भी आपदा प्रबंधन सचिव ने कहा कि वह इस बारे में जिलाधिकारी से बातचीत करेंगे.
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