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दो पर्वतारोहियों का अनोखा विवाह, किलिमंजारो चोटी पर की सगाई, त्रियुगीनारायण में लिए सात फेरे


शिव-पार्वती के विवाह स्थल में अनोखा विवाह (Photo- Mountaineer Ankit)

देहरादून (उत्तराखंड): कहते हैं, जोड़ियां ऊपर वाला बनाता है, लेकिन इन्हें निभाना धरती पर होता है. उत्तराखंड के त्रियुगीनारायण मंदिर में पर्वतारोही श्वेता और अंकित की अनोखी शादी के कई लोग साक्षी बने. दोनों ने किलिमंजारो चोटी पर सगाई की, जिसके बाद शिव-पार्वती के विवाह स्थल त्रियुगीनारायण में परिणयसूत्र में बंधे. वहीं त्रियुगीनारायण मंदिर में ये दूल्हा दुल्हन का जोड़ा आकर्षण का केंद्र बना रहा.अंकित देहरादून के क्लेमेंट टाउन के रहने वाले हैं तो वहीं उनकी पत्नी श्वेता सिंह दिल्ली की रहने वाली हैं. श्वेता 10 साल की उम्र से आंखों से देख नहीं सकती हैं. श्वेता सिंह दिव्यांग होने के बाद भी मुश्किलों को पीछे छोड़ती चली गई और उन्होंने हालातों को मजबूरी नहीं बनने दिया.

श्वेता ने हालातों को मजबूरी नहीं बनाया: श्वेता ने ईटीवी भारत को बताया कि 10 साल की उम्र में एक दवाई के रिएक्शन से उनकी आंखों की रोशनी चली गई थी और वह बिल्कुल भी नहीं देख पाती हैं. लेकिन उनके जेहन में हमेशा से कुछ कर जाने का जज्बा था. उन्होंने बताया कि जब 10-11 साल की उम्र में उनकी आंखों की रोशनी चली गई तो उसके बाद उनकी कुछ साल हेल्थ इश्यू में बर्बाद जरूर हुए.

पर्वतारोही जोड़े ने शिव-पार्वती के विवाह स्थल में की शादी (Video- Mountaineer Ankit)

हर मुश्किलों को पीछे छोड़ा: लेकिन उन्होंने हालातों को अपनी मजबूरी नहीं बनाया, बल्कि अपनी परिस्थितियों को अपनी ताकत बनते हुए दिल्ली में एक ब्लाइंड स्कूल में एडमिशन लिया. उन्होंने अपनी एक क्षमता कम होने पर अन्य सभी क्षमताओं को डबल कर दिया और इस तरह से 10वीं क्लास में उन्होंने दिल्ली नॉर्थ जोन में एग्जाम टॉप किया. इसके बाद उन्हें दिल्ली के मुख्यमंत्री ने इंदिरा गांधी पुरस्कार से सम्मानित किया.

Shweta Ankit wedding

दोनों ने किलिमंजारो चोटी पर की सगाई (Photo- Mountaineer Ankit)

चुनौतियों से नहीं मानी हार: इसके बाद 12वीं पास करने के बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस कॉलेज से राजनीति विज्ञान में स्नातक किया. इस तरह से वह अपनी लाइफ में कुछ ना कुछ नया करना चाहती थी. उन्होंने बताया कि वह एक नेचर लवर हैं, उन्हें घूमने और ट्रैकिंग का बहुत ज्यादा शौक था. वह हमेशा से चाहती थी कि वह पहाड़ पर चढ़े, लेकिन उन्हें शारीरिक रूप से फिट ना बताते हुए कोई भी इंस्टिट्यूट एडमिशन देने को तैयार नहीं था. कई अकादमी में उन्हें डिसएबल पॉलिसी ना होने की वजह से उन्हें कोर्स में एडमिशन नहीं दिया गया.

Shweta Ankit wedding

त्रियुगीनारायण मंदिर में किया विवाह (Photo- Mountaineer Ankit)

अंकित से ऐसे हुई मुलाकात: लेकिन फिर भी वह इस तरह के आयोजनों में जाया करती थी, जहां पर एडवेंचर और माउंटेनिंग को लेकर किसी भी तरह का प्रोग्राम होता था. साल 2025 में वह दिल्ली में इंडियन माउंटेनिंग फाउंडेशन के कार्यक्रम में अपने बेसिक क्लाइंबिंग के एक कोर्स को करने के लिए पहुंची थी, वहीं पर उनकी मुलाकात उत्तराखंड के प्रोफेशनल माउंटेनियर अंकित से हुई.

अंकित ने हमेशा दिया श्वेता का साथ: श्वेता बताती है कि उसे जब हर तरफ से उन्हें निराशा मिल रही थी, कोई भी एडवेंचर इंस्टिट्यूट उन्हें माउंटेन की ट्रेनिंग देने के लिए तैयार नहीं था. डिसएबल पॉलिसी ना होने का हर कोई बहाना बना रहा था, ऐसे समय में अंकित ने उन्हें भरोसा दिलाया. अंकित ने श्वेता को माउंटेनिंग की ट्रेनिंग दी. अंकित बताते हैं कि उन्होंने श्वेता को मोटिवेट किया और उन्हें कुछ बेसिक तकनीक बताएं और हमेशा उनके साथ रहे.

किलिमंजारो चोटी पर की सगाई: जिसके बाद दोनों ने मिलकर हाल ही में अफ्रीका कॉन्टिनेंटल की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारो को फतह किया और इसी दौरान दोनों ने अपने इस रिश्ते को जीवन भर के लिए जीवन संगी के रूप में बदलने का इरादा किया. माउंट किलिमंजारो की चोटी पर दोनों ने सगाई कर ली. सगाई करने के बाद दोनों ने शिव-पार्वती के विवाह स्थल त्रियुगीनारायण मंदिर में विवाह किया.

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