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कॉर्बेट पार्क के रास्ते में जाम का कहर! 12 किमी तय करने में लगे 5 घंटे, पर्यटकों के छूटे पसीने


रामनगर: उत्तराखंड की प्रसिद्ध पर्यटन नगरी रामनगर में इस रविवार को भीषण ट्रैफिक जाम ने पर्यटकों और स्थानीय लोगों की परेशानियों को कई गुना बढ़ा दिया. कॉर्बेट नेशनल पार्क और आसपास के क्षेत्रों की ओर जाने वाले नेशनल हाईवे 309 पर रामनगर से मोहान के बीच का करीब 12 किलोमीटर का सफर पर्यटकों के लिए किसी बुरे सपने जैसा बन गया. इस दूरी को तय करने में वाहनों को पांच घंटे से भी ज्यादा का समय लगा. जिससे ना केवल पर्यटकों की जंगल सफारी छूट गई, बल्कि बच्चों, बुजुर्गों और बीमार यात्रियों को भारी मुसीबत का सामना करना पड़ा.

हर साल बढ़ती पर्यटकों की भीड़ के बावजूद ट्रैफिक प्रबंधन को लेकर प्रशासन की तैयारियों की पोल इस जाम ने खोल दी. रविवार को हुई इस स्थिति ने स्पष्ट कर दिया कि ट्रैफिक कंट्रोल के दावे सिर्फ कागजों तक सीमित हैं. सैलानियों की भीड़ और वाहनों की लंबी कतारें देखने के बाद भी समय रहते कोई वैकल्पिक ट्रैफिक प्लान तैयार नहीं किया गया. जिससे आम लोगों के साथ-साथ पर्यटन उद्योग को भी नुकसान उठाना पड़ा.

कॉर्बेट पार्क के रास्ते में जाम का कहर! (ETV BHARAT)

दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद और लखनऊ से आए पर्यटक रामनगर पहुंच तो गए, लेकिन नेशनल पार्क के भीतर जंगल सफारी का समय निकल गया.पर्यटकों ने बताया सफारी के लिए दोपहर 2:00 बजे का समय तय था, लेकिन वह शाम 6:00 बजे तक भी जाम में ही फंसे रहे. कई लोगों ने तो सड़क पर ही घंटों इंतजार किया, जबकि कुछ को अपने वाहन से उठकर पैदल चलना पड़ा.

इस पूरे घटनाक्रम से नाराज पर्यटकों ने प्रशासन पर नाराजगी जताई. उनका कहना था कि अगर ट्रैफिक को सही तरीके से हैंडल किया जाता, तो इस तरह की समस्या से बचा जा सकता था. कुछ लोगों ने तो सोशल मीडिया पर लाइव वीडियो डालकर प्रशासन को कटघरे में खड़ा कर दिया. स्थानीय लोगों ने भी पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए. उनका कहना है कि रामनगर जैसे पर्यटन स्थलों पर सप्ताहांत में ट्रैफिक का दबाव आम बात है. इसके बाद भी ट्रैफिक नियंत्रण के लिए न तो अतिरिक्त फोर्स तैनात की जाती है और न ही किसी वैकल्पिक मार्ग की योजना बनाई जाती है.

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