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18 जून से शुरू होगा एकल महिला स्वरोजगार योजना के लिए आवेदन, इन महिलाओं को मिलेगा लाभ


देहरादून: मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना के तहत 18 जून से आवेदन प्रक्रिया शुरू होने जा रही है. 16 मई को कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद सोमवार को महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने इस योजना को लॉन्च कर दिया है. ऐसे में पात्र महिलाएं 18 जून से 31 जुलाई तक आवेदन कर सकती हैं. इस योजना का लाभ प्रदेश की अविवाहित, परित्यक्ता, तलाकशुदा, निराश्रित और विकलांग एकल महिलाएं उठा सकती हैं.

मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना के तहत प्रदेश की निराश्रित एकल महिलाओं को ही लाभ मिलेगा. इस योजना के तहत एकल महिलाएं दो लाख तक के स्वरोजगार शुरू करने का प्रोजेक्ट बनाएंगी. जिसमें से इन महिलाओं को डेढ़ लाख रुपए बतौर सब्सिडी राज्य सरकार देगी. यानी इस योजना के तहत लाभार्थी को मात्र 50 हज़ार रुपए ही निवेश करने होंगे. यानी इस योजना के तहत लाभार्थियों को 75 फ़ीसदी सब्सिडी का लाभ मिलेगा.

इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को अपने गांव में ही या फिर आसपास के क्षेत्र में रोजगार के साधन उत्पन्न कराना है. जिससे न सिर्फ पलायन की समस्या दूर होगी बल्कि आसपास के लोगों को भी लाभ मिलेगा. मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना के तहत महिलाएं स्वरोजगार से जुड़ने के लिए कृषि, बागवानी, पशुपालन, कूट-कूट पालन, भेड़ बकरी पालन, मत्स्य पालन, ब्यूटी पार्लर समेत अन्य तमाम व्यासाय शुरू कर सकती हैं. इस योजना के तहत महिलाओं को सब्सिडी दिए जाने के लिए नियम भी बनाए गए हैं. यानी जब महिला स्वरोजगार से जुड़ने के लिए कोई योजना तैयार करेंगी तो उसे योजना को धरातल पर उतरने के लिए शुरुआती दौर में राज्य सरकार की ओर से मिलने वाले कुल सब्सिडी का 50 फीसदी हिस्सा शुरुआत में ही लाभार्थी को दी जाएगी. इसी दौरान लाभार्थी महिला को भी 50 फ़ीसदी धनराशि लगानी होगी. यानी व्यापार शुरू करने के दौरान ही राज्य सरकार 75,000 लाभार्थी को देगी और लाभार्थी को अपने पास से 25,000 लगते होंगे. ऐसे में बिजनेस शुरू होने के बाद 6 महीने के भीतर राज्य सरकार की ओर से सब्सिडी की दूसरी किस्त के रूप में 30 फीसदी हिस्सा दिया जाएगा.

इस दौरान लाभार्थी को भी अपने अंश से 30 परसेंट धनराशि को निवेश करना होगा. ऐसे में जब बिजनेस सही ढंग से चलने लगेगा तो करीब 9 महीने के भीतर बचा हुआ 20 फीसदी धनराशि लाभार्थी को दे दी जाएगी. उस दौरान लाभार्थी को भी अपने अंश के बचे हुए 20 फीसदी धनराशि को निवेश करना होगा. इस योजना के तहत पहले साल में 2000 महिलाओं को लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया है. जिसके लिए 30 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है. अगर कोई लाभार्थी इस योजना का लाभ लेती है लेकिन बिजनेस शुरू नहीं करती है तो सरकार की ओर से शुरुआती दौर में दी गई 50 फीसदी सब्सिडी को वापस ले लिया जाएगा.

कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने बताया इस योजना में पात्र महिलाओं को स्वरोजगार के लिए दो लाख रुपए तक के प्रोजेक्ट स्वीकार किए जाएंगे. जिसमें से 75 फ़ीसदी हिस्सा सब्सिडी यानी अनुदान के रूप में दिया जाएगा. लाभार्थियों को सिर्फ 25 फ़ीसदी हिस्सा ही व्यवसाय में अपने पास से लगाना होगा. पहले साल इस योजना के तहत काम से कम 2000 महिलाओं को लाभ पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है.

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