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लोहाघाट का हिंसक गुलदार पिंजरे में कैद, एक दिन पहले वन कर्मियों को दिया था चकमा

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leopard trapped in cage Lohaghat

गुलदार पिंजरे में कैद (Photo courtesy – Forest Department)

चंपावत: जिले के लोहाघाट तहसील क्षेत्र के बाराकोट ब्लॉक स्थित चुयरानी के धरगड़ा तोक में गुलदार के आतंक से आखिरकार ग्रामीणों को निजात मिल ही गई.वन विभाग ने कड़ी मेहनत के बाद बीती देर रात आदमखोर गुलदार को ट्रेंकुलाइज कर पिंजरे में कैद करने में सफलता प्राप्त की है. वन विभाग के अलावा स्थानीय ग्रामीणों ने भी स्थानीय इलाके में आतंक फैलाने वाले गुलदार के पकड़े जाने के उपरांत राहत की सांस ली है.

ग्रामीण को मारने वाला गुलदार पिंजरे में कैद: बीते 09 दिसंबर को इलाके के 45 वर्षीय देव सिंह अधिकारी को गुलदार ने उस वक्त अपना निवाला बना लिया था, जब वह सुबह घर से निकले थे. उसके बाद गुलदार की दहशत से स्थानीय ग्रामीण अपने घरों में दुबकने को मजबूर हो गए थे. जिला प्रशासन वन विभाग, स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा लगातार इस इलाके में पिंजरे, थर्मल कैमरे एवं गश्त की गई. आखिरकार गुलदार को ट्रैप करने में सफलता पा ली थी. गुलदार को वन विभाग की टीम ट्रेंकुलाइज करने के बाद पिजड़े में कैद कर सुरक्षित स्थान पर ले गई हैं.

पकड़ा गया गुलदार (Video courtesy- Forest Department)

शुक्रवार देर रात पिंजरे में फंसा गुलदार: चंपावत जिले के विकासखंड बाराकोट की च्यूरानी ग्राम पंचायत के तोक धरगड़ा में गुलदार के आतंक से उस वक्त निजात मिल गई, जब शुक्रवार की देर रात वन विभाग की टीम ने ट्रेंकुलाइज कर पिंजरे में आदमखोर गुलदार कैद कर लिया. वन विभाग द्वारा लगातार निगरानी और कार्रवाई की जा रही थी. खुद जिलाधिकारी चंपावत मनीष कुमार वन विभाग के साथ उक्त इलाके में स्थानीय जनता की सुरक्षा के मद्देनजर रात्रि गश्त कर चुके थे. संभावित स्थानों में पिंजरे लगा थर्मल कैमरों के माध्यम से गुलदार की मूवमेंट पर नजर रखने के निर्देश भी जारी किए थे.

leopard trapped in cage Lohaghat

गुलदार को पकड़ने वाली टीम (Photo courtesy – Forest Department)

प्रभावित इलाके में गश्त जारी रहेगी: जिला प्रशासन के निर्देश पर वन अधिकारियों के लगातार मॉनिटरिंग एवं स्थानीय वन रेंज के कार्मिकों की मेहनत के बूते आदमखोर गुलदार बाराकोट के ऊध्यूनढूंगा–स्वीलाखेड़ा क्षेत्र के समीप शुक्रवार की मध्य रात्रि उपरांत रात 2 बजे के करीब सफलतापूर्वक ट्रेंकुलाइज कर पिंजरे में कैद किया गया. कार्रवाई के बाद क्षेत्रवासियों ने राहत की सांस ली है. वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार एहतियात के तौर पर अभी भी उक्त क्षेत्र में नियमित गश्त जारी रहेगी. वन विभाग की कार्रवाई के दौरान जिला पंचायत सदस्य योगेश जोशी एवं स्थानीय युवाओं का भी टीम का साथ सहयोग रहा.

गुलदार के पकड़े जाने से ग्रामीणों ने राहत की सांस: गुलदार के पकड़े जाने के बाद स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने वन विभाग की तत्परता और पेशेवर कार्यशैली की सराहना की है. जिला पंचायत सदस्य योगेश जोशी ने कहा कि वन विभाग की टीम ने जिस तत्परता, साहस और जिम्मेदारी के साथ यह अभियान संचालित किया, वह अत्यंत सराहनीय है. वन विभाग की पूरी टीम ने कठिन परिस्थितियों में भी जनसुरक्षा को प्राथमिकता दी.

लोगों ने वन विभाग के काम को सराहा: वन विभाग के इस अभियान में SDO सुनील कुमार, डॉ. हिमांशु पांगती, रेंजर राजेश जोशी, फॉरेस्टर प्रकाश गिरि सहित वन विभाग की पूरी टीम ने साहस और सूझबूझ के साथ कार्य किया. इसके साथ ही क्षेत्र के युवाओं ने भी पूरी रात वन विभाग की टीम के साथ रहकर महत्वपूर्ण सहयोग प्रदान किया. इस सहयोग में सूरज बिष्ट, विजय नाथ, शुभम नाथ, सौरभ नाथ, हिमांशु नाथ एवं अमित सिंह अधिकारी शामिल रहे, जिनकी सक्रिय भूमिका को स्थानीय लोगों ने सराहा की.

बहुत चालाक था ये गुलदार: देव सिंह को मारने वाला ये गुलदार बेहद चालाक था. वन विभाग ने इसको पकड़ने के लिए पिंजरा लगाया था. पिंजरे में गुलदार को झांसा देने के लिए शिकार रखा गया था. 11 दिसंबर की रात गुलदार आया. पिंजरे के अंदर घुसकर शिकार को चट किया और फिर जंगल में भाग गया. इस दौरान पिंजरा बंद नहीं हुआ. इस कारण स्थानीय लोग और वन कर्मी निराश हो गए थे. लेकिन एक दिन बाद ही हिंसक गुलदार फिर शिकार की खोज में आया और पिंजरे में बंद हो गया.
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