उत्तराखंड वन विभाग के नए चीफ कंजर्वेटर ऑफ फॉरेस्ट रंजन कुमार मिश्र ने पदभार संभाला (PHOTO- ETV Bharat)
नवीन उनियाल की रिपोर्ट
देहरादून: उत्तराखंड वन विभाग में नए प्रमुख वन संरक्षक (हॉफ) के रूप में 1993 बैच के आईएफएस अधिकारी रंजन कुमार मिश्र ने 1 दिसंबर से जिम्मेदारी संभाल ली है. अब तक पीसीसीएफ वाइल्डलाइफ का दायित्व निभा रहे मिश्र ने पद संभालते ही साफ कर दिया कि वर्तमान समय में प्रदेश के सामने सबसे बड़ी चुनौती मानव–वन्यजीव संघर्ष है, जिसे कम करने के लिए व्यापक जागरूकता ही सबसे प्रभावी उपाय है.
दिसंबर के पहले दिन उत्तराखंड वन विभाग को नए मुखिया के तौर पर रंजन कुमार मिश्र मिल गए हैं. शासन से आदेश जारी होने के बाद रंजन कुमार ने वन मुख्यालय में प्रमुख वन संरक्षक ‘हॉफ’ पद पर जिम्मेदारी संभाल ली. इस दौरान पहले दिन प्रमुख वन संरक्षक हॉफ से मिलने वालों का तांता लगा रहा. विभाग के तमाम अधिकारियों और कर्मचारियों के अलावा उनके परिचित भी उन्हें वन मुख्यालय में पहुंचकर बधाई देते नजर आए.
उत्तराखंड वन विभाग के नए चीफ कंजर्वेटर ऑफ फॉरेस्ट रंजन कुमार मिश्र ने पदभार संभाला (VIDEO- ETV Bharat)
उत्तराखंड वन विभाग में भविष्य में होने वाले विभिन्न कार्यों और निर्णय को लेकर किस तरह की स्थिति रहेगी और नई मुखिया की प्राथमिकता में कौन से काम होंगे? इसको लेकर ईटीवी भारत ने प्रमुख वन संरक्षक हाफ रंजन कुमार मिश्र से बातचीत की.
ईटीवी भारत से बातचीत में रंजन कुमार मिश्र ने विभाग की समस्याओं, चुनौतियों और भविष्य की कार्ययोजना पर विस्तार से चर्चा की. उन्होंने कहा कि उनसे पहले इस पद पर रहे अधिकारियों ने मानव–वन्यजीव संघर्ष को कम करने के कई महत्वपूर्ण प्रयास किए हैं, लेकिन अब वह इन प्रयासों को और आगे बढ़ाने वाले हैं. मिश्र ने बताया कि अब वन विभाग हर महीने वन दिवस मनाएगा, जिसमें स्थानीय लोगों से सीधा संवाद स्थापित किया जाएगा. यह पहल न सिर्फ देहरादून, बल्कि सभी डिवीजनों में लागू की जाएगी, ताकि विभाग और जनता के बीच समन्वय मजबूत हो सके.
मिश्र ने फॉरेस्ट फायर को भी आने वाले महीनों की एक बड़ी चुनौती बताया. उन्होंने कहा कि फॉरेस्ट फायर सीजन शुरू होते ही विभाग को तेज गति से काम करने की जरूरत पड़ेगी. इसके लिए स्थानीय समुदायों की भागीदारी और जागरूकता बेहद महत्वपूर्ण होगी, ताकि आग को फैलने से रोकने में त्वरित प्रतिक्रिया मिल सके.

वन विभाग के नए मुखिया ने संभाला दायित्व (PHOTO- ETV Bharat)
उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि कई क्षेत्रों में वन विभाग के नियमों को लेकर लोगों को दिक्कतें होती हैं. मिश्र ने कहा कि यदि जरूरत पड़ी तो इन नियमों में व्यावहारिक बदलाव करने पर भी विचार किया जाएगा, ताकि जनता का भरोसा विभाग पर बना रहे और कामकाज अधिक पारदर्शी और सरल हो सके.
विभाग में अधिकारियों की कमी पर उन्होंने कहा कि उपलब्ध स्टाफ के आधार पर ही योजनाएं तैयार की जाएंगी. मिश्र ने विश्वास जताया कि वन विभाग के पास उत्कृष्ट अधिकारी मौजूद हैं और उन्हीं की मजबूत टीम के दम पर विभाग आने वाले समय में नई पहलें शुरू करेगा और चुनौतियों का प्रभावी समाधान खोजेगा.
वन विभाग के नए मुखिया के रूप में मिश्रा का स्पष्ट संदेश है. जनभागीदारी, जागरूकता और विश्वास बढ़ाकर ही मानव–वन्यजीव संघर्ष, फॉरेस्ट फायर और विभागीय चुनौतियों का समाधान संभव है.
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