देहरादून: खुद की विरासत को संजोए रखना हर किसी की ख्वाहिश होती है, लेकिन जब बात देश सेवा से जुड़ी हो तो ये बात और भी अहम हो जाती है. धायल परिवार के जुड़वा बच्चों ने भी अपनी इसी विरासत को आगे बढ़ाया. पिता के बाद अब जुड़वा बहन और भाई दोनों ही सेना में कमीशन हुए हैं. धायल परिवार हरियाणा के हिसार का रहने वाला है.
भारतीय सैन्य अकादमी के 419 नए सैन्य अफसरों में धायल परिवार का बेटा भी शामिल है. दिग्विजय धायल वैसे तो ग्रेजुएशन करने के बाद निजी क्षेत्र की तरफ बढ़ चले थे, लेकिन फिर ऐसा कुछ हुआ कि उन्होंने अपनी राह को बदलकर पिता के सपने को पूरा कर दिखाया.
वीएस धायल वैसे तो खुद सेना में अधिकारी हैं और इसीलिए वह चाहते थे कि उनके जुड़वां बच्चे भी देश की सेवा में ही जुड़ जाएं. इसके लिए उन्होंने सेना में जाने के लिए बच्चों को मोटिवेट भी किया और गाइडेंस भी दी. नतीजा यह था कि अब उनके जुड़वा बेटी और बेटा दोनों ही सेना में अफसर के तौर पर चयनित हो चुके हैं.
धायल कहते हैं कि यह उनके लिए गर्व का पाल है, उन्हें खुशी है कि उनके बच्चे भी उनके कदमों पर ही चल रहे हैं. वीएस धायल कहते हैं कि शुरू से ही उनके बच्चों का लक्ष्य सेना में जाने का था, जिसे अब दोनों ने ही अचीव कर लिया है.
दो साल पहले जुड़वा बहन बनी थी सेना में अफसर: करीब 2 साल पहले ग्रेजुएशन करने के बाद दिव्या भी सेना में अफ़सर के तौर पर चयनित हुई थी. दिव्या इंटेलिजेंस कोर में कमीशन हुईं थीं. हालांकि तब उनके भाई दिग्विजय सेना में शामिल नहीं हुए थे. दिव्या कहती हैं कि आज उनके लिए बेहद गर्व का पल है, क्योंकि आज उनका जुड़वा भाई भी सेना में अधिकारी बन गया है. हालांकि जुड़वा भाई बहन होने के कारण हम दोनों ने ही ग्रेजुएशन एक साथ की थी, लेकिन बाद में दिग्विजय ने कॉर्पोरेट में काम करना शुरू कर दिया था, लेकिन इसके बाद दिग्विजय मोटिवेट हुआ और उसने सेना में जाने की राह पकड़ ली.
पिता ने किया मोटिवेट: दिग्विजय भी इस पल को बेहद खास बताते हैं. वह कहते हैं कि उनके पिता ने इसके लिए काफी मेहनत की और लगातार उन्हें मोटिवेट करते रहे. दिग्विजय ने कहा कि वह काफी भाग्यशाली हैं कि उन्हें अपने पिता की बेहद अहम गाइडेंस मिली, जिसके कारण वह आज यहां तक पहुंच सके.
दिग्विजय यह भी कहते हैं कि जब वह कॉर्पोरेट में काम कर रहे थे, तो उन्होंने देखा कि उनकी बहन दिव्या सेना में अफसर बनने के बाद एक अलग तरह के रोमांचक जीवन को जी रही थी. इसके बाद उन्होंने भी पूरी मेहनत की और सेना में अफसर बनने का रास्ता तैयार किया.
ताऊ कश्मीर में हुए थे शहीद: दिग्विजय सिंह के ताऊ जी भी सेना में ही थे और कश्मीर में आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ में वह शहीद हो गए थे. खास बात यह है कि इसके बाद दिग्विजय के पिता वीएस धायल ने सेना में विशेष दरख्वास्त देकर कश्मीर की वही पोस्टिंग मांगी जहां उनके बड़े भाई शहीद हुए थे. शायद यही कारण है कि देश सेवा का दृढ़ संकल्प लिए वीएस धायल अपने जुड़वा बच्चों को भी परिवार की विरासत से जोड़ सके और अब वह भी सेना में रहकर देश सेवा के लिए काम कर सकेंगे.
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