देहरादून: उत्तराखंड शासन ने समान नागरिक संहिता को लेकर बड़ा अपडेट दिया है. अब ऐसे लोगों की शादी का पंजीकरण रद्द नहीं किया जाएगा, जो शादी के समय नाबालिग थे या फिर दंपति में से कोई एक भी नाबालिग था. उत्तराखंड शासन ने स्पष्ट किया है कि पंजीकरण के समय यदि दोनों बालिग हो चुके हैं, तो उनका पंजीकरण रद्द नहीं किया जाएगा. मुख्य सचिव ने इस मुद्दे पर जोर देकर कहा है कि ऐसे विवाह के मामलों का भी पंजीकरण किया जाए.
दरअसल, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन की अध्यक्षता में विभिन्न विभागों की बैठक की गई थी. इस दौरान सभी जनपदों में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) रजिस्ट्रेशन की प्रगति की भी जानकारी ली गई. इस दौरान मुख्य सचिव ने यूसीसी के तहत विवाह का पंजीकरण कराने पर जोर दिया. इसके लिए सभी जिलों में जागरूकता कार्यक्रम चलाने के निर्देश भी दिए, ताकि अधिक से अधिक लोग शादी का रजिस्ट्रेशन कराएं.
इसके साथ ही मुख्य सचिव ने पंजीकरण के लंबित मामलों का भी तेजी से निस्तारित करने को कहा है. मुख्य सचिव ने मैदानी जनपदों में पंजीकरण के लिए विशेष अभियान संचालित किए जाने के भी निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को आमजन की समस्याओं को सुनने और उनके निराकरण पर विशेष ध्यान दिए जाने के निर्देश दिए हैं.
उन्होंने विभागों को निर्देश दिए हैं कि टेढ़े हो चुके बिजली के खम्बों, लटकी तारों सहित टूटी पेयजल पाइपलाइनों की मरम्मत का कार्य तत्काल कराए जाएं. जब तक अधिकारी फील्ड पर नहीं उतरेंगे, आमजन की समस्याओं से अवगत नहीं होंगे. उन्होंने सभी अधिकारियों को फील्ड का दौरा नियमित रूप से किए जाने के निर्देश दिए हैं.
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