खराब खाद्यान्न मामले पर जांच कमिटी गठित (PHOTO- ETV Bharat)
देहरादून: खाद्यान्न की खराब क्वालिटी को लेकर संभागीय खाद्य नियंत्रक गढ़वाल ने सख्ती दिखाई है. पहले सरकारी गोदाम में छापेमारी कर खराब क्वालिटी के चावल पकड़ने वाले (संभागीय खाद्य नियंत्रक) RFC गढ़वाल ने अब मामले में तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर दी है. जिसे 20 दिनों में अपनी रिपोर्ट मुख्यालय में देनी होगी.
भगवानपुर सरकारी गोदाम में खाद्यान्न की खराब क्वालिटी को लेकर तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर दी गई है. खाद्य विभाग में संभागीय खाद्य नियंत्रक गढ़वाल की तरफ से इस समिति का गठन किया गया है, जिसे 20 दिन के भीतर खाद्यान्न की गुणवत्ता खराब होने से संबंधित जांच की रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं. यह जांच समिति खाद्यान्न गोदाम में रखने से लेकर सस्ते गल्ले की दुकानों में विक्रेताओं को भेजने तक के मानकों में लापरवाही के जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारी को चिन्हित करेंगी.
दरअसल, सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों पर खराब क्वालिटी के खाद्यान्न की शिकायत अक्सर मिलती रही है और इस पर आम लोग भी अपनी नाराजगी जताते रहे हैं. कभी गेहूं की क्वालिटी तो कभी चावल की गुणवत्ता पर भी सवाल उठे हैं. ऐसे में खाद्य विभाग ने विभागीय निरीक्षण की गतिविधियों को तो बढ़ाया है, लेकिन इन शिकायतों में कमी नहीं आ रही है. इसी को देखते हुए खुद संभागीय खाद्य नियंत्रक गढ़वाल अरविंद पांडे ने शिकायत के आधार पर सरकारी गोदाम पर औचक निरीक्षण कर सख्ती दिखाई.
जो समिति गठित की गई है, उनमें उप संभागीय विपणन अधिकारी अनु जैकरे, वरिष्ठ विपणन अधिकारी हरेंद्र सिंह रावत और विपणन निरीक्षक इशरत अजीम को रखा गया है, जो इस मामले की जांच करेंगे. जांच समिति उन सभी तथ्यों पर भी जांच करेगी जिसके कारण गोदाम में खराब क्वालिटी के चावलों को रखा गया और फिर इसे आगे सरकारी सस्ता गल्ला की दुकानों पर भेजा गया.
इससे पहले भगवानपुर के सरकारी गोदाम में खराब क्वालिटी के खाद्यान्न की लगातार शिकायत मिल रही थी, जिसके आधार पर संभागीय खाद्य नियंत्रक गढ़वाल अरविंद कुमार पांडे ने खुद गोदाम पर जाकर निरीक्षण किया था और अधिकारियों को भी खराब चावल के गोदाम में रखे जाने पर फटकार लगाई थी.
निरीक्षण के दौरान गोदाम में चावलों की गुणवत्ता मानकों के अनुरूप नहीं पाई गई थी, साथ ही कई चावलों के कट्टों पर मिल के टैग भी मौजूद नहीं थे, जिसे घोर लापरवाही माना गया है. बड़ी बात यह है कि निरीक्षण के दौरान खुद केंद्र के प्रभारी भी बिना अनुमति के अनुपस्थित रहे थे. जिसे संभागीय खाद्य नियंत्रक ने गंभीर माना था और इस पर नाराजगी व्यक्त की थी.
इस मामले पर ईटीवी भारत ने संभागीय खाद्य नियंत्रक गढ़वाल से बात की. उन्होंने कहा कि इस मामले में फिलहाल समिति गठित कर दी गई है और उसकी रिपोर्ट के आधार पर ही आगे कार्रवाई की जाएगी.
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