अहमदाबाद: गुजरात के अहमदाबाद में गुरुवार को हुए भीषण एयर इंडिया विमान हादसे में जहां 241 लोगों की जान चली गई, वहीं 40 वर्षीय ब्रिटिश नागरिक विश्वाश कुमार रमेश का बच जाना किसी चमत्कार से कम नहीं है. फ्लाइट AI-171 में सवार 242 लोगों में से वह इकलौते व्यक्ति हैं जो ज़िंदा बचे और अब अस्पताल में भर्ती हैं.
हादसे के बाद का मंजर
विश्वाश कुमार रमेश ने बताया, “जब मेरी आंख खुली, तो चारों तरफ सिर्फ लाशें थीं. मैं डर गया… खड़ा हुआ और बस दौड़ने लगा.” उनके मुताबिक, टेकऑफ के लगभग 30 सेकंड बाद ही जोरदार आवाज आई और विमान ज़मीन से टकरा गया. कुछ समझने का मौका ही नहीं मिला. हादसे में उनके सीने, आंखों और पैरों में गंभीर चोटें आईं, लेकिन वे होश में हैं और पत्रकारों से कांपती आवाज में बात कर पा रहे हैं.
भाई अब भी लापता
रमेश के साथ उनके भाई अजय कुमार रमेश (45) भी फ्लाइट में थे, लेकिन वे अलग सीट पर बैठे थे. “हम दीव घूमने गए थे और लंदन लौट रहे थे. अब अजय का कोई पता नहीं है. कृपया मेरी मदद कीजिए,”— रमेश ने भर्राए हुए स्वर में कहा.
विमान में कौन-कौन थे
AI-171 फ्लाइट में 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और 1 कनाडाई नागरिक सवार थे. टेकऑफ के कुछ मिनटों बाद ही विमान बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल क्वार्टर्स पर जा गिरा और आग की लपटों में घिर गया.
मौत के बीच जिंदगी
रमेश को बिना जलने की चोटों के जिंदा बाहर निकाल लिया गया. माना जा रहा है कि उन्होंने हादसे से ठीक पहले आपातकालीन द्वार से छलांग लगा दी थी. वह अभी अहमदाबाद सिविल अस्पताल के जनरल वार्ड में भर्ती हैं और हादसे के इकलौते गवाह हैं.
अस्पताल में मातम और अफरातफरी
अस्पताल में दर्जनों परिवार अपने रिश्तेदारों की तलाश में भटकते देखे गए. पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के सहयोगी शैलेश मंडलिया ने भी अस्पताल पहुंचकर कहा, “हम रूपाणी साहब को ढूंढ रहे हैं. कृपया कोई जानकारी मिले तो बताएं.”
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