देहरादून: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के सहसपुर क्षेत्र के बटोली गांव की कहानी ईटीवी भारत ने दिखाई थी. बताया था कि गांव की जनसंख्या सड़क न होने और भूस्खलन की वजह से कैद हो गई है. खतरनाक रास्तों से होकर बच्चे, बुजुर्ग और बीमार लोग गांव में आना-जाना कर रहे हैं. खबर प्रकाशित होने के बाद गहरी नींद से जागा प्रशासन ने मौके पर जाकर हालातों का जायजा लिया है.
दरअसल, ईटीवी भारत की टीम ने इस गांव की हकीकत को जमीन पर उतरकर दिखाया था. दिखाया था कि कैसे गांव के लोग इस हालात से परेशान होकर पलायन कर रहे हैं. खेत खलियान और पशुपालन करके अच्छी खासी आमदनी करने वाला बटोली गांव भूस्खलन के बाद वीरान होने लगा है. इस गांव में ऐसी रहस्यमयी दरार आ गई है, जो लंबी खाई में तब्दील हो गई है. इस वजह से पूरे गांव को खतरा हो गया है. खास बात है कि गांव राजधानी देहरादन से सिर्फ 29 से 30 किलोमीटर की दूरी पर है.
देहरादून जिला प्रशासन टीम पहुंची बटोली गांव (PHOTO-ETV Bharat)
सरकार के सामने ईटीवी भारत ने बयां किया प्रभावितों का दर्द: ईटीवी भारत ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि यह हालात अचानक से नहीं, बल्कि 10 से 15 साल से बनते आ रहे हैं. लेकिन आज तक सरकार और प्रशासन ने इस पर ध्यान नहीं दिया. ऐसा नहीं है कि यहां के लोग स्थानीय प्रशासन को अपनी समस्या नहीं बता रहे थे, बल्कि पूरे सिस्टम को इस बात की जानकारी थी.

डीएम सविन बंसल ने आपदा प्रभावित बटोली गांव का निरीक्षण किया. (PHOTO-ETV Bharat)
वहीं ईटीवी भारत द्वारा 2 जुलाई को ‘प्राकृतिक मुसीबत में घिरा देहरादून का बटोली गांव, रहस्यमयी खाई ने बढ़ाई मुसीबत, संकट में ‘जिंदगी” शिर्षक से खबर प्रकाशित करने के बाद गांव में अधिकारियों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया. वहीं आज 10 जुलाई गुरुवार को देहरादून डीएम सविन बंसल ने प्रभावित गांव पहुंचकर स्थानीय निवासियों से बातचीत की और हरसंभव सहायता का भरोसा दिलाया.

डीएम बंसल ने प्रभावित परिवारों की सहायता के लिए अधिकारियों को कई निर्देश दिए. (PHOTO-ETV Bharat)
प्रभावित परिवारों को 4-4 हजार रुपए: बताया जा रहा है कि ईटीवी भारत की खबर प्रकाशित होने के बाद सीएम धामी ने अधिकारियों को इस गांव में पहुंचने के निर्देश दिए थे. जिलाधिकारी बंसल ने कहा कि आपदा, मुसीबत और अनहोनी को कम करना प्रशासन का दायित्व है. प्रशासन इसके लिए प्रतिबद्ध है. जिलाधिकारी ने प्रभावित परिवारों को विस्थापन के लिए किराये हेतु 3.84 लाख का एडवांस चैक दिया है. यानी 4-4 हजार रुपए प्रति परिवार प्रतिमाह प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थान पर रहने के लिए दिए गए हैं. सरकार ने एसडीएम विकासनगर को निर्देशित किया कि गर्भवती माताओं और शिशुओं के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए एएनएम नियमित दौरा निरंतर शुरू किया जाए. इसके साथ ही गांव की सड़क और दरार की मरम्मत के निर्देश दिए है.
हेलीपैड बनाने के निर्देश: सरकार ने ग्रामीणों की मांग पर कोटी- बटोली रोड लोक निर्माण विभाग को सौंपने की कार्रवाई के साथ ही बटोली से थान गांव सड़क विकल्प पर लोक निर्माण विभाग को सर्वे के भी निर्देश दिए. इसके साथ ही एक हेलीपैड बनाने के भी सरकार ने निर्देश जारी किए हैं. ताकि गर्ववती महिलाओं को सुरक्षित तरीके से अस्पताल पहुंचाया जा सके.
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