नई दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए घोषित की गई एकीकृत पेंशन योजना में नए एलान किए हैं. जानकारी के मुताबिक अब इस योजना का लाभ लेने वालों को रिटायरमेंट और मृत्यु के बाद ग्रेच्युटी मिलेगी. इससे सेंट्रल गर्वमेंट इंप्लॉई को काफी राहत मिलेगी.
‘कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय की परिवर्तनकारी यात्रा के 11 वर्ष’ विषय पर आयोजित सम्मेलन को संबोधित करने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री जीतेंद्र सिंह ने जीवन और शासन को आसान बनाने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने पर सरकार के फोकस के बारे में भी जानकारी दी.
बता दें, कार्मिक मंत्रालय के पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने एकीकृत पेंशन योजना में शामिल केंद्रीय कर्मचारियों के लिए नौकरी के दौरान मौत या दिव्यांगता के चलते सेवा से उनकी बर्खास्तगी होने पर ओपीएस के अंतर्गत लाभ मिलने पर एक आदेश जारी किया है. इस मामले पर विभाग के सेक्रेटरी वी श्रीनिवास ने बताया कि यह आदेश किसी कर्मी को ऑप्शन चुनने का विकल्प देता है कि नौकरी के दौरान उसकी मौत हो जाती है, तो उसे फिर से एकीकृत पेंशन योजना के दायरे में लाया जाए. उन्होंने आगे बताया कि सरकार का यह आदेश एनपीएस और ओपीएस पेंशनभोगियों के बीच समानता लाता है और ऐसे कर्मचारी 25 लाख रुपये की ग्रेच्युटी के लिए योग्य होंगे.
अभी तक आ रही थी यह दिक्कत
बता दें, अभी तक एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) का ऑप्शन सेलेक्ट करने के बाद अगर किसी कर्मचारी की मौत हो जाती है या दिव्यांग हो जाता है उस हालात से निपटने का कोई उपाय नहीं था. सभी कर्मचारी पशोपेश में थे कि उन्हें पेंशन कौन सी मिलेगी और फैमिली पेंशन का क्या होगा. अब यह स्थिति स्प्ष्ट हो गई है. कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय ने इस योजना के अंतर्गत आने वाले सेंट्रल गर्वमेंट के इंप्लाई के सेवा-संबंधी मामलों के नियमन के लिए सेंट्रल सिविल सेवा नियम को भी नोटिफाई किया.
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