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हादसों का गुरुवार, नदी में समाई बस, चार अलग-अलग सड़क दुर्घटनाओं में सात की मौत, 9 लापता


देहरादून (किरण कांत शर्म): गुरुवार 26 जून का दिन उत्तराखंड में सड़कों हादसों के लिए जाना जाएगा. आज उत्तराखंड में एक के बाद एक चार अलग-अलग सड़क हादसे हुए है. इस हादसों में जहां कई लोगों ने अपनी जान गंवाई तो कई अभी भी लापता बताए जा रहे है. सबसे बड़ा हादसा सुबह उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में हुआ, जहां एक पूरी बस नदी में समा गई थी. इस हादसे में तीन लोगों की मौत हुई थी. कई गंभीर रूप से घायल भी है. इसके अलावा 9 लोग लापता बताए जा रहे है, जिनकी तलाश में सर्च ऑपरेशन जारी है.

शासन स्तर के अधिकारी रुद्रप्रयाग बस हादसे का अपटेड ले ही रहे थे कि तभी एक और डराने वाली खबर आई. रुद्रप्रयाग बस हादसे के ठीक बाद देहरादून जिले के चकराता क्षेत्र में कार गहरी खाई में गिरने की सूचना मिली. इस हादसे में भी तीन लोगों की मौत हुई. अभी पुलिस रुद्रप्रयाग बस हादसे के रेस्क्यू में लगी थी, तभी एक और हादसे की खबर आई. रुद्रप्रयाग में ही जिला सहकारी बैंक के मैनेजर की कार अचानक 200 मीटर गहरी खाई में जा गिरी. इस हादसे में बैंक मैनेजर की मौत हो गई थी.

पूरा उत्तराखंड देहरादून और रुद्रप्रयाग बस हादसे के गम से उभरा भी नहीं था कि तभी देहरादून जिले के मसूरी से बड़ी खबर सामने आई. देहरादून मसूरी मार्ग के गलोगी धार के पास दिल्ली के पर्यटकों की गाड़ी में अचानक से आग लगी गई थी. हालांकि समय रहते पर्यटक गाड़ी के बाहर निकल आए थे, जिससे उनकी जान बच गई थी. यदि थोड़ी सी भी देरी हो जाती तो कार में मौजूद पर्यटकों के साथ बड़ी अनहोनी हो सकती थी. फायर ब्रिगेड टीम ने मौके पर पहुंचकर कार में लगी आग पर काबू पाया.

लगातार सामने आ रही बस हादसों की खबर: 26 जून के रुद्रप्रयाग बस हादसे से पहले भी इस यात्रा सीजन में भी कई बस दुर्घटनाएं हो चुकी है, जिन पर एक नजर डालते है.

रुद्रप्रयाग बस हादसे में 9 लोग अभी भी लापता है. (ETV Bharat)

बस का ब्रेक फेल: बीती 23 जून को ही ऋषिकेश बदरीनाथ नेशनल हाईवे पर बस का ब्रेक फेल हो गया था. बस में करीब 30 लोग सवार थे. ब्रेक फेल होने की वजह से बस बेकाबू हो गई थी और बस बीच सड़क पर ही पटल गई थी. गनीमत ये रही थी कि इस हासदे में कोई जनहानि नहीं हुई थी. हालांकि कुछ लोगों को मामूली चोटें जरूर आई थी.

उत्तरकाशी का बस हादसा: ऐसा ही एक हादसा 23 मई को उत्तराखंड के उत्तरकाशी में हुआ. 41 तीर्थयात्रियों को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम ले जा रही बस अचानक से बैरियर से टकराकर पलट गई. यह बस मध्य प्रदेश के यात्रियों की भरी हुई थी. इस घटना में भी कई लोग घायल हुए थे. एक दस साल की बच्ची को ज्यादा चोटें आई थी, जिसे देहरादून रेफर करना पड़ा था. जांच में सामने आया था कि बस का ड्राइवर शराब पीकर गाड़ी चला रहा था.

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चकराता सड़क हादसे में तीन लोगों की मौत हुई थी. (ETV Bharat)

ड्राइवर की लापरवाही से हादसा हुआ: इसी तरह के एक हादसा पिछले महीने भी हुआ था. देहरादून-हरिद्वार हाईवे पर मोहकमपुर-नकरौंदा के पास प्राइवेट बस पटल गई थी. जिस तरह से बस पलटी थी, उसे ड्राइवर की लापरवाही माना गया था.

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देवप्रयाग के पास बस और कार की टक्कर (ETV Bharat)

  • इसी तरह 31 मार्च 2025 को हरिद्वार के कनखल थाना क्षेत्र में रोडवेज की बस सड़क पर पलट गई थी. बस देहरादून से लोहाघाट जा रही थी. बस के पलटते ही यात्रियों में चीख-पुकार मच गई थी. बस में 12 लोग सवार थे, जिसमें से 6 को चोटें आई थी.
  • इस तरह एक बस 18 अप्रैल को मसूरी में पलटी थी. हादसे के वक्त बस में 27 लोग सवार थे. अगर बस की स्पीड अधिक होती तो यह हादसा और बड़ा हो जाता. मसूरी से दिल्ली जा रही टूरिस्ट से भरी बस की अचानक से कमानी टूट गई थी, जिस वजह से ये हादसा हुआ था. इस हादसे में भी कई लोग घायल हुए थे.
  • एक मई को कुमाऊं मंडल में भी हादसा हुआ था. हल्द्वानी से रामनगर आ रही एक प्राइवेट बस गेबुआ के पास बेकाबू होकर खेत में जाकर पलट गई थी. इस हादसे में कई लोगों को चोटें आई थी. चश्मदीदों की माने तो बस की रफ्तार काफी तेज था, जिस वजह से ड्राइवर बस को काबू नहीं कर पाया और ये हादसा हो गया.

ये वो तमाम हादसे है, जिसमें कहीं न कहीं सिस्मट, ड्राइवर और वाहन मालिकों की लापरवाही सामने आती है. यहीं कारण है कि इस हादसों के बाद सिस्टम कुछ देर के लिए नींद से जागता और थोड़ा एक्टिव भी दिखा है. आज के रुद्रप्रयाग बस हादसे के बाद भी ऐसा ही कुछ हुआ है. रुद्रप्रयाग बस दुर्घटना के बाद सीएम धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि पहाड़ों में चल रहे वाहनों का फिटनेस बेहतर हो और कोई भी लापरवाही से गाडी न दौड़ाएं. वैसे परिवहन विभाग का दावा है कि वो ऐसे मामले में कार्रवाई तो लगातार कर रहे है, लेकिन हादसे भी रुकने का नाम नहीं ले रहे है.

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