देहरादून: उत्तराखंड में बेरोजगार युवाओं के लिये जल्द ही भर्ती निकलने जा रही है. प्रदेश के सहकारी बैंकों में जल्द ही भारत सरकार के उपक्रम इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सनल सलेक्शन (आईबीपीएस) के जरिए 177 पदों पर भर्ती होने जा रही है. इस भर्ती प्रस्ताव पर सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत ने मंजूरी दे दी है. साथ ही मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को भर्ती प्रक्रिया में तेजी लाने और जल्द से जल्द भर्ती संबंधित विज्ञापन जारी करने के निर्देश दिये हैं.
सहकारी बैंकों में निकलने वाली है बंपर भर्ती: मंत्री धन सिंह रावत ने बताया कि सहकारिता विभाग के तहत जिला सहकारी बैंकों और राज्य सहकारी बैंकों के वर्ग-1, 2 और 3 के कुल 177 पदों पर भर्ती की जायेगी. इसमें वर्ग-1 के तहत वरिष्ठ शाखा प्रबंधक के 8 पद, वर्ग-2 में कनिष्ठ शाखा प्रबंधक के 65 पद और वर्ग-3 के तहत लिपिक/कैशियर के 104 पद शामिल हैं. विभागीय मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने इस भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिये इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सनल सलेक्शन (आईबीपीएस) को जिम्मेदारी सौंपी है.
आईबीपीएस कराएगा 177 पदों पर भर्ती: उन्होंने कहा कि केन्द्रीय उपक्रम आईबीपीएस के जरिए पारदर्शी तरीके से सहकारिता विभाग में दो बार भर्ती हो चुकी हैं. आईबीपीएस भारत सरकार का एकमात्र संस्थान है, जो राष्ट्रीयकृत बैंकों के कार्मिकों की भर्ती करता है. उत्तराखंड देश का पहला राज्य है जो सहकारी बैंक के कार्मिकों की भर्ती के लिये इसी संस्था को चुनता है, ताकि पारदर्शी तरीके से भर्ती की जा सके और योग्य युवाओं को मौका मिल सके. विभागीय अधिकारियों को भर्ती प्रक्रिया में तेजी लाने और शीघ्र ही आईबीपीएस के जरिए इसका भर्ती विज्ञापन जारी करने के निर्देश दिये. उन्होंने कहा कि इस भर्ती का उद्देश्य सहकारी बैकों में खाली पड़े पदों को भरकर उनकी कार्यक्षमता को और बढ़ाना है.
इतना होगा वेतन और ग्रेड पे: उत्तराखंड के सहकारी बैंकों में वरिष्ठ शाखा प्रबंधक की सैलरी 39,050- 73,050 (ग्रेड पे 3400) रुपए प्रति महीना होती है. कनिष्ठ शाखा प्रबंधक सैलरी 34,300- 65,300 (ग्रेड पे 3100) रुपए प्रति महीना होती है. लिपिक/कैशियर की सैलरी 28,500- 38,500 (ग्रेड पे 2000) रुपए प्रति महीना होती है.
सहकारी बैंकों में बढ़ा वित्तीय लेनदेन: उन्होंने बताया कि जिला सहकारी और राज्य सरकारी बैंकों में वित्तीय लेनदेन पहले की तुलना में तेजी से बढ़ रहा है. निजी और राष्ट्रीयकृत बैंकों की तरह ही सहकारी बैंकों में भी बैंकिंग सुविधाएं बढ़ाई गई हैं. जगह-जगह नये एटीएम खोले गये हैं. चारधाम यात्रा मार्ग, पर्यटक स्थलों व दुर्गम क्षेत्रों में मोबाइल एटीएम वैन के माध्यम से सेवाएं दी जा रही हैं. इसके अलावा बैंकों की ओर से उपभोक्ताओं को नेट बैंकिंग की भी सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है. साथ ही अन्य बैंकिंग सुविधाओं पर भी बैंक फोकस कर रहे हैं, जिससे सहकारी बैंकों पर उपभोक्ता का भरोसा बढ़ रहा है. सहकारी बैंकों में उपभोक्ताओं को आसान दरों पर ऋण भी उपलब्ध कराया जा रहा है. इसके अलावा विभिन्न सहकारी योजनाओं का लाभ भी आम लोगों को बैंकों के माध्यम से दिया जा रहा है.
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