एमपीलैड की दस फीसदी राशि जानलेवा, लाइलाज रोगों के इलाज के लिए लोगों को देने की मांग उठी रास में
राज्यसभा में भारतीय जनता पार्टी के एक सदस्य ने मंगलवार को गंभीर, जानलेवा या लाइलाज बीमारियों के इलाज पर आने वाला खर्च उठाना आम आदमी के बस से बाहर बताते हुए मांग की कि सरकार ऐसा नियम बनाए जिससे एमपीलैड (सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास निधि) से ऐसी बीमारियों के इलाज के लिए राशि दिया जाना संभव हो सके.
भाजपा के संजय सेठ ने शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि केंद्र सरकार स्वास्थ्य के क्षेत्र में बहुत अच्छा काम कर रही है और आयुष्मान भारत योजना दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना है. उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन समस्याएं अभी बाकी हैं. कैंसर जैसी बीमारी के इलाज में बहुत खर्च आता है। सरकार ने आरोग्य निधि योजना तैयार की है जिसके तहत आर्थिक मदद दी जाती है. लेकिन जनसंख्या इतनी अधिक है कि कई लोग इससे वंचित हैं. ’’
सेठ ने कहा कि गंभीर, जानलेवा या लाइलाज बीमारियों के इलाज में आने वाला खर्च उठाना आम आदमी के बस के बाहर है और अपनों को बचाने की कोशिश करते कई लोग मदद के लिए सांसदों के पास आते हैं. भाजपा सदस्य ने कहा कि सांसदों के पास एमपीलैड राशि होती है। उन्होंने मांग की कि सरकार ऐसा नियम बनाए ताकि एमपीलैड की दस फीसदी राशि गरीबों को जानलेवा, गंभीर, लाइलाज बीमारियों के इलाज में मदद के लिए दी जा सके.
भाजपा के ही घनश्याम तिवाड़ी ने राजस्थान की सीमा से मादक पदार्थों की तस्करी का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि राज्य की सीमा एक हजार किलोमीटर से अधिक लंबी है जहां ड्रोन एवं अन्य तरीकों से भेजे गए मादक पदार्थों को जब्त किया गया है. उन्होंने मांग की कि सीमा पर सुरक्षा और कड़ी की जाए, वहां रोशनी की समुचित व्यवस्था हो और आवश्यक अवसंरचना तैयार की जाए. तिवाड़ी ने कहा ‘‘कुछ लोग सीमा के दोनों ओर रहते हैं. इसलिए वहां सुरक्षा में ढील देना गलत उदाहरण होगा.’’
भाजपा की ही दर्शना सिंह ने नारी अदालत का मुद्दा उठाया और देश के सभी राज्यों में यह कार्यक्रम प्राथमिकता के साथ लागू करने की मांग की. शून्यकाल में ही एनपीपी के डॉ वानविराय खारलूवी, कांग्रेस की रेणुका चौधरी, अशोक सिंह, और प्रमोद तिवारी, भाजपा के नागेन्द्र राय, भागवत कराड़, सीमा द्विवेदी, कणाद पुरकायस्थ, एस सेल्वागणपति, मनोनीत हरनाम सिंह संधु, वाईएसआर कांग्रेस के येर्रम वेंकट सुब्बा रेड्डी ने भी लोक महत्व से जुड़े अपने-अपने मुद्दे उठाए.
(पीटीआई)

