पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली सरकार के कार्यकाल में अब तक 150 से अधिक अधिकारियों, कर्मचारियों और माफियाओं को भ्रष्टाचार के मामलों में गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। इनमें कई उच्च पदस्थ अधिकारी, जिनमें सेवानिवृत्त आईएफएस और आईएएस अधिकारी भी शामिल हैं, कानून के शिकंजे में आ चुके हैं।
मुख्यमंत्री धामी ने स्पष्ट किया है कि भ्रष्टाचार और नकल के खिलाफ सरकार की सख्त मुहिम आगे भी पूरी मजबूती से जारी रहेगी। सरकार ने भ्रष्टाचार के प्रति ‘शून्य सहनशीलता’ (जीरो टॉलरेंस) की नीति को अपनाया है और इस दिशा में कई कठोर कदम भी उठाए गए हैं।
बीते शुक्रवार को नैनीताल जनपद में सतर्कता विभाग (विजिलेंस) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए मुख्य कोषाधिकारी और एक लेखाकार को 1.20 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया।
राज्य में चल रही इस सख्त कार्यवाही के चलते अब बड़े अफसरों तक की गिरफ्तारी हो रही है। इसी तरह के गंभीर मामलों में सेवानिवृत्त आईएफएस अधिकारी आरबीएस रावत और आईएएस अधिकारी रामविलास यादव को भी गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।
राज्य प्रशासन में पारदर्शिता और न्यायप्रियता का उदाहरण बन चुकी धामी सरकार की यह कार्यप्रणाली एक सशक्त संदेश देती है। प्रदेश में निष्पक्ष भर्ती प्रक्रिया सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लागू किए गए नकल विरोधी कानून के तहत अब तक कई ठोस कदम उठाए गए हैं।
इस कानून के तहत संगठित गिरोहों और बिचौलियों को निशाना बनाते हुए दर्जनों गिरफ्तारियां की गई हैं और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। अब तक 80 से अधिक नकल माफियाओं पर कठोर कार्रवाई की जा चुकी है, जो राज्य में पारदर्शी और स्वच्छ भर्ती प्रक्रिया की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जा रही है।