Homeउत्तराखण्ड न्यूजचारधाम यात्रा को लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड दर्ज कराने की तैयारी, GMVN-KMVN...

चारधाम यात्रा को लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड दर्ज कराने की तैयारी, GMVN-KMVN जल्द होगा मर्ज


देहरादून: प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने सोमवार को गढ़ी कैंट मौजूद पर्यटन निदेशालय में पर्यटन विभाग की समीक्षा बैठक की. इस बैठक में उन्होंने अधिकारियों के साथ सभी मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की. साथ ही महत्वपूर्ण योजना पर तेजी से काम करने के दिशा-निर्देश भी दिए.

समीक्षा बैठक में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने इन मुख्य बिंदुओं पर चर्चा की:

  • गढ़वाल मंडल विकास निगम (GMVN) और कुमाऊं मंडल विकास निगम (KMVN) के एकीकरण की प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश.
  • मानसखंड मंदिर माला मिशन की तरह ही केदार खंड मंदिर माला मिशन का मास्टर प्लान तैयार करने को कहा.
  • चारधाम यात्रा रूट पर खराब शौचालयों की ठीक करते हुए साफ-सफाई के अलावा उन में वेस्टर्न टॉयलेट भी लगाने को कहा गया.
  • त्रियुगीनारायण को वैदिक पर्यटन विलेज के रूप में होगा विकसित.
  • स्थानीय युवाओं के ग्रुप तैयार कर उन्हें कैंपेनिंग की ट्रेनिंग दी जाएगी.

समीक्षा बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि रुद्रप्रयाग स्थित त्रियुगीनारायण एक अनोखा और आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण विवाह स्थल है. इसे भगवान शिव और देवी पार्वती के विवाह स्थल के रूप में भी जाना जाता है. यह स्थान इतिहास, पौराणिक कथाओं एवं प्राकृतिक सुंदरता की दृष्टि से महत्वपूर्ण होने के साथ-साथ इसे आध्यात्मिक और पारंपरिक स्पर्श वाली शादियों के लिए जाना जाता है. इसलिए त्रियुगीनारायण को “वैदिक पर्यटन विलेज” के रूप में घोषित किया जाये.

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज की समीक्षा बैठक. (ETV Bharat)

शीतकालीन चारधाम यात्रा की अभी से तैयारी से निर्देश: वहीं उन्होंने बताया कि प्रदेश के विभिन्न पर्यटन एवं ट्रैकिंग रूटों पर स्थानीय युवाओं के ग्रुप तैयार कर उन्हें कैंपेनिंग की ट्रेनिंग दी जाए, ताकि पर्यटकों को सुविधा मिलने के साथ-साथ स्थानीय युवाओं को रोजगार भी मिल सके. समीक्षा बैठक के दौरान पर्यटन मंत्री महाराजा ने शीतकालीन चारधाम यात्रा की तैयारी पहले से ही किए जाने और उनका प्रचार प्रसार कराने के लिए भी पर्यटन अधिकारियों को निर्देशित किया.

चारधाम यात्रा को लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड दर्ज कराने की तैयारी: उन्होंने कहा कि पर्यटन विभाग के सरकारी आवासों की स्थिति अत्यंत खराब है. इनकी तत्काल मरम्मत करवाई जाए और चारधाम यात्रा को लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज करवाने की प्रक्रिया प्रारंभ की जाए.

उन्होंने निर्देश दिए की कुमाऊं मंडल के पर्यटक आवास गृहों में फास्ट ईवी चार्जर लगाने के साथ-साथ राज्य में अवैध रूप से चल रहे होटल एवं रिसोर्ट के पंजीकरण हेतु अभियान चलाया जाए. इसके अलावा मंत्री महाराज ने पर्यटन के 4800 करोड़ की योजनाएं की भी समीक्षा की.

मंत्री महाराज ने बताया कि वर्ष 2025-26 में पर्यटन विभाग में 48,676.05 लाख की विभिन्न योजनाएं स्वीकृत की गई हैं, जिनमें महासू देवता हनोल में 5,240.85 लाख की धनराशि में से 2, 246.76 लाख की धनराशि से वीआईपी लॉन्ज, धर्मशाला, यज्ञशाला, दुकानों और पवेलियन सहित 10 से अधिक निर्माण चल रहे हैं.

इसके अलावा मानसखंड मंदिर माला मिशन के तहत 28 मंदिरों को विकास करने हेतु चयनित किया गया है. पहले चरण में 16 मंदिरों में अवस्थापना विकास हेतु 125.25 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है, जिसमें से 51.14 करोड़ की धनराशि जारी भी की जा चुकी है. वहीं 6 मंदिरों में कार्य शुरू हो चुका है.

महाराज ने बताया कि कैंची धाम परिसर विकास योजना के तहत 40.81 करोड़ की परियोजनाओं पर कार्य तेजी से चल रहा है जबकि केंद्र सरकार की “चैलेंज बेस्ट डेस्टिनेशन डेवलपमेंट योजना” के तहत 17.59 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है.

वेड इन उत्तराखंड-2025: नैनीताल-मुक्तेश्वर यात्रा मार्ग की विभिन्न योजनाओं हेतु मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा 400 करोड़ की केंद्रीय सहायता हेतु अनुशंसा की गई है. उन्होंने बताया कि डेस्टिनेशन वेडिंग को बढ़ावा देने के लिए “वेड इन उत्तराखंड-2025” प्रोजेक्ट लॉन्च किया गया है, इसके तहत थानो, टिहरी, त्रिजुगीनारायण और ऋषिकेश आदि स्थलों पर इन्फ्रास्ट्रक्चर व प्रचार की योजनाएं बनाई गई हैं.

कांवड़ यात्रा में उपद्रवियों के विषय पर योगी से मिलेंगे महाराज: पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि कावड़ यात्रा आस्था का पर्व है, लेकिन इनमें कुछ उपद्रवी अपनी हरकतों से करोड़ों लोगों की आस्था को ठेस पहुंचाने का काम करते हैं. कांवड़ियों को सोचना चाहिए की भोले बाबा को प्रसन्न करने के लिए न तो बड़े-बड़े साउंड सिस्टम की जरूरत है और न ही उनके इस उत्पादी गुणों की.

उन्होंने कहा कि भोले खुद में इतने महान है कि वह किसी के भी भक्ति की आवाज कहीं से भी सुन सकते हैं और भोले खुद अपने प्रचंड रूप में रहते हैं. उनके भक्तों को प्रचंड रूप में रहने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि लगातार कावड़ यात्रा में हो रही अव्यवस्थाओं को लेकर वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी बातचीत करेंगे और जिस तरह से आस्था के आड़ में कुछ उपद्रवी फायदा उठाते हैं उस पर लगाम लगाई जाएगी.

पढ़ें—

एक नजर