पिथौरागढ़: पिछले महिनों में पिथौरागढ़ में मुनस्यारी, डीडीहाट आदि क्षेत्रों में रिश्वतखोर अधिकारी, कर्मचारी विजिलेंस ने गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे डाला था. उसके बाद भी रिश्वतखोर अफसरों में कोई खौफ नहीं दिखाई दे रहा है. अब पिथौरागढ़ जिले के नाचनी पोस्ट ऑफिस में डाक इंस्पेक्टर रिश्वतखोरी के मामले में सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किया गया है.
सीबीआई ने रिश्वत लेने के आरोप में डाक इंस्पेक्टर को गिरफ्तार किया: देहरादून से आई सीबीआई टीम ने डीडीहाट में डाकघर के इंस्पेक्टर को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा है. आरोप है कि डाक इंस्पेक्टर एक व्यक्ति से सरकारी योजना की सब्सिडी का लाभ देने की एवज में रिश्वत मांग रहा था. पुलिस के मुताबिक डीडीहाट तहसील निवासी एक व्यक्ति ने बीते दिनों सीबीआई में शिकायत दी. पीड़ित का कहना था कि जिला उद्योग केंद्र की एक योजना के तहत छह लाख का ऋण लिया.
सब्सिडी का लाभ देने देने के नाम पर मांगी रिश्वत: योजना के तहत उन्हें दो लाख 10 हजार रुपये सब्सिडी मिलनी थी. आरोप है कि उक्त सब्सिडी का लाभ देने की एवज में डाकघर में इंस्पेक्टर पद पर कार्यरत शशांक सिंह राठौर और एक अन्य कर्मचारी ने रिश्वत मांगी थी. डीडीहाट के थानाध्यक्ष हरीश सिंह कोरंगा ने बताया कि-
देहरादून से सीबीआई की एक टीम डीडीहाट पहुंची. टीम ने दो कर्मचारियों से पूछताछ की. एक कर्मचारी को 15 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया. इस मामले में पोस्टमास्टर और डाकिया की कोई भूमिका नहीं पाई गई.
हरीश सिंह कोरंगा, थानाध्यक्ष, डीडीहाट-
15 हजार की रिश्वत ले रहा था: वहीं सीबीआई से मिली जानकारी के अनुसार पिथौरागढ़ के नाचनी डाकघर के इंस्पेक्टर शशांक सिंह राठौर को गिरफ्तार किया गया है. वो 15,000 रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े गए हैं. डाकघर इंस्पेक्टर ने ये घूस बागेश्वर जिले के खेती गांव निवासी एक दुकानदार सुरेश चंद से ली थी. सुरेश चंद के लोन की सब्सिडी पास कराने की रिपोर्ट लगाने के नाम पर ये रिश्वत ली गई थी. आरोपी शशांक सिंह राठौर को आज स्पेशल सीबीआई कोर्ट में पेश किया जाएगा.
पीएम रोजगार सृजन कार्यक्रम में लोन स्वीकृत हुआ था: सीबीआई से मिली जानकारी के अनुसार सुरेश चंद की नाचनी में ममता म्यूजिक एंड इलेक्ट्रॉनिक्स नाम से दुकान है. सुरेश चंद ने वर्ष 2020 में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (एमजीईपी) के तहत जिला उद्योग केंद्र पिथौरागढ़ से छह लाख रुपये का लोन लिया था. उनका लोन 3 जनवरी 2020 को स्वीकृत हुआ था. उन्हें इसमें से 35 फीसदी की सब्सिडी के रूप में 2 लाख 10 हजार रुपये मिलने थे. नाचनी डाकघर में इसकी सत्यापन रिपोर्ट लगाई जानी थी. सुरेश चंद ने इसके लिए डाक इंस्पेक्टर शशांक सिंह राठौर से संपर्क किया तो वह आनाकानी करने लगा. तमाम तरह की कमियां उनकी फाइल में बताने लगा.
21 हजार की डील 15 हजार में फिक्स हुई थी: इसके बाद उन्होंने 20 जून को फिर से शशांक राठौर से संपर्क किया. आरोप है कि राठौर ने पोस्ट मास्टर और डाकिया के माध्यम से 21 हजार रुपये की मांग की. इस शिकायत पर सीबीआई ने जांच शुरू की. सुरेश चंद ने शशांक सिंह राठौर के साथ बातचीत की रिकॉर्डिंग भी की. इसमें सुरेश चंद ने राठौर से रिश्वत की रकम कम करने के लिए कहा. इस पर डाक इंस्पेक्टर 15 हजार रुपये में तैयार हो गया.
सीबीआई के ट्रैप में फंस गया डाक इंस्पेक्टर: सीबीआई ने डाक इंस्पेक्टर की डील की पूरी जांच की. इसके बाद शशांक राठौर के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप में मुकदमा दर्ज किया. एक ट्रैप टीम तैयार की. सीबीआई की ट्रैप टीम बुधवार को नाचनी डाकघर पहुंची. इंस्पेक्टर शशांक राठौर को सुरेश चंद से 15 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया. इस मामले में पोस्ट मास्टर और डाकिया की कोई भूमिका नहीं पाई गई. इधर जिले में पहली बार किसी रिश्वतखोर को सीबीआई के द्वारा गिरफ्तार करने पर हड़कंप मच गया है.
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